कोरोना से होने वाली मौत के मामलों में महाराष्ट्र फिर टॉप पर, 54% मौतें सिर्फ 4 जिलों से ही

महाराष्ट्र के कुछ शहर जहां संक्रमण में कमी देखते हैं, तो कुछ तेज़ी, कुछ वक़्त के लिए आंकड़े कम दिखते हैं लेकिन भारत की कुल संख्या में महाराष्ट्र अव्वल ही दिखता है. सबसे बड़ी चिंता है मौतें!

कोरोना से होने वाली मौत के मामलों में महाराष्ट्र फिर टॉप पर, 54% मौतें सिर्फ 4 जिलों से ही

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुंबई:

Maharashtra Coronavirus Update : महाराष्ट्र में घटे कोविड मामलों में जैसे ही कुछ राहत दिखी, मौत के आंकडें एक बार फिर तेज़ी दिखा रहे हैं. राज्य में एक दिन में 95 मौतें हुई हैं. भारत के कुल ऐक्टिव मामलों में 19% मामले महाराष्ट्र से हैं वहीं कुल मौतों में 33% महाराष्ट्र से हैं. राज्य के 4 ज़िलों में 64% ऐक्टिव मामले हैं और राज्य की 54% मौतें भी इन्हीं ज़िलों के नाम है. महाराष्ट्र सरकार के टेक्निकल अड़वाइज़र मानते हैं ‘सुपर स्प्रेडर' पर लगाम ज़रूरी है. 

एक दिन में 95 मौतें, महाराष्ट्र फिर से कोरोना के मृत्यु ग्राफ़ में सबसे टॉप पर है. सोमवार को राज्या में कोरोना से मरने वालों की संख्या 60 आई तो वहीं मंगलवार को राज्य में 70 लोगों की जान गई. इसके बाद बुधवार को 95 संक्रमितों की जान चली गई, बीते तीन दिनों में रोज़ाना पॉज़िटिव मामलों में 45% की बढ़ोतरी भी हुई है.

देश के आंकड़ों से तुलना करें तो भारत के कुल ऐक्टिव मामलों में 19% मामले महाराष्ट्र से हैं तो मौतें 33% महाराष्ट्र से हैं.  भारत में बुधवार हुई मौत के आंकड़े देखें तो 27% मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं. महाराष्ट्र के कुल ऐक्टिव मामलों में 64% मामले पुणे,ठाणे,नागपुर और मुंबई से हैं. राज्य की 54% मौतें इन्हीं चार ज़िलों से हैं. 

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इंडियन मेडिकल एसोसिशन महाराष्ट्र के अध्यक्ष डॉ अविनाश भोंडवे ने एनडीटीवी को बताया, ‘'कुछ जगह पर फिर से आंकड़े बढ़ रहे हैं, और ऐक्टिव मामले कुछ जगहों पर बहुत ज़्यादा है, जो चिंता की बात है, इसमें सबसे ज़्यादा है पुणे के मरीज़, 16 हज़ार से ऊपर हैं, ठाणे में भी मरीज़ बढ़ रहे हैं, 11 हज़ार से ज़्यादा ऐक्टिव मरीज़ हैं, मुंबई और नागपुर में भी ऐक्टिव केस काफ़ी हैं.'

पुणे के हेल्थ एक्सपर्ट डॉ अभिजीत मोरे बताते हैं, ‘'सबसे ज़्यादा ऐक्टिव केस पुणे ज़िले में दिख रहे हैं, लगभग 17,000 केस पुणे में है, पिछले 24 घंटों में 650 नए केस रेजिस्टर हुए हैं, मतलब साफ़ है आने वाले दिनों में पुणे की हालत और बिगड़ेगी.पुणे महानगरपालिका को टेस्टिंग ट्रैकिंग में बढ़ोतरी करने की सख़्त ज़रूरत है.''

हालांकि पुणे प्रशासन का कहना है की उनकी मुहिम से शहर की पॉज़िटिवीटी रेट में बड़ी गिरावट दर्ज हुई है. 

पुणे के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर डॉ संजय देखमुख ने कहा, ‘'अगर पॉजिटिविटी रेट की बात करें तो दिवाली के पहले ये रेट था 10.78%, दिवाली के फ़ौरन बाद ये रेट हुआ 11.93% अभी स्टेबलाइज होकर 8.5% पर आया है. कुछ इलाक़ों में 6% तक नीचे गया है, यानी जो डर था की दिवाली के बाद बहुत बढ़ेगा तो वो पुणे में नहीं बढ़ा है."

 डॉ संजय देखमुख ने आगे कहा, "हमने एक मुहिम पुणे में चलायी ‘पुणे निर्धार कोरोना हद्द पार' हमने तय किया कोरोना भगाएंगे, अच्छा परिणाम मिला, और जिसके कारण पोसिटिविटी रेट 8% के नीचे आ गया है.''

कोरोना के ग्राफ़ में महाराष्ट्र को नीचे लाने लिए महाराष्ट्र सरकार के टेक्निकल एडवाइजर डॉ सुभाष सालुंखे मानते हैं कि राज्य में संक्रमण फैलाने वाले ‘सुपर स्प्रेडर' पर लगाम ज़रूरी है. 

डॉ सालुखे ने कहा, ‘'हमको इस बात पर फ़ोकस करना है की हमारे बीच में घूम रहे सुपर स्प्रेडर को कैसे रोकें, ये वो लोग हैं जो ख़ुद तो इस बीमारी से तकलीफ़ में नहीं है लेकिन हल्के लक्षण हैं और संक्रमण फैला रहे हैं, इनकी फ़ौरन जांच कर इन्हें आइसोलेट करना और जल्द ट्रीट करना ज़रूरी है. स्ट्रैटेजी के तौर पर फ़िलहाल सुपर स्प्रेडर्स पर फ़ोकस बेहद ज़रूरी है.''

महाराष्ट्र के कुछ शहर जहां संक्रमण में कमी देखते हैं, तो कुछ तेज़ी, कुछ वक़्त के लिए आँकड़े कम दिखते हैं लेकिन भारत की कुल संख्या में महाराष्ट्र अव्वल ही दिखता है. सबसे बड़ी चिंता है मौतें!

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