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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण से संभलते दिख रहे मुंबई-महाराष्ट्र में अब बर्ड फ़्लू (Bird Flu) का संकट भी गहराता दिख रहा है. राज्य के तीन ज़िलों में 214 मुर्गियां मृत मिली हैं. पांच दिनों में कुल 1,839 पक्षी मरे मिले हैं. इधर मुंबई चिकन रिटेल में चिकन की क़ीमत अचानक 33 प्रतिशत नीचे आ गई है. मुंबई (Mumbai) सहित महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना के बाद बर्ड फ्लू का साया गहराता जा रहा है. महाराष्ट्र सरकार के एक प्रेस नोट के मुताबिक पांच दिनों में महाराष्ट्र में 1,839 पक्षी मृत मिले हैं. मंगलवार को महाराष्ट्र में 214 मुर्गियां (पोल्ट्री बर्ड) मृत मिलीं. इनमें से 200 यवतमाल, 11 अमरावती और 3 अकोला ज़िले में मरीं.
मंगलवार को अकोला में चार कौवे भी मरे हुए मिले. यानी एक दिन में राज्य में 218 पक्षी मृत मिले हैं. इनके नमूने परीक्षण के लिए भोपाल और पुणे भेजे गए हैं. इससे पहले, मुंबई, ठाणे, परभणी, बीड, दापोली में पक्षियों की मौत के नमूनों की जांच रिपोर्ट में बर्ड फ्लू का वायरस होने की पुष्टि हो चुकी है.
मुंबई के साथ-साथ ठाणे महानगरपालिका बर्ड फ्लू से निपटने के लिए एक्शन में है. बीएमसी की 1916 हेल्पलाइन पर 55 पक्षियों की मौत की शिकायत पहुंची है. रैपिड एक्शन टीम में डॉक्टरों को शामिल किया गया है. ठाणे में भी स्थिति की निगरानी के लिए एक स्पेशल कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है.
सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी कर कहा गया है कि मृत पक्षियों को जमीन के नीचे बड़े गड्ढे में दफनाया जाएगा और इस जगह चूने का छिड़काव भी होगा. प्रेस नोट के मुताबिक़ संक्रमित इलाक़े से एक किलोमीटर के दायरे तक की करीब 15,500 मुर्गियों को मारा जाएगा. मीट/मटन की दुकानों का सर्वेक्षण कर उसके आसपास साफ-सफाई सुनिश्चित करने के आदेश के साथ, मटन विक्रेताओं, मुर्गीपालकों को बर्ड फ्लू के प्रति जागरूक करने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं.
महाराष्ट्र के पशुपालन मंत्री सुनील केदार ने कहा कि ‘'हम रेड अलर्ट पर हैं, कोरोना देखते हुए. अगर ये आउटब्रेक हुआ तो बहुत तकलीफ़ हो जाएगी. इसके पहले जब हुआ था तब कोरोना नहीं था, अब कोरोना भी है और नई वेव आने की सम्भावना है. तो ऐसे में बड़ी मुश्किल पेश आएगी.''
बर्ड फ़्लू की दहशत के कारण चिकन कारोबार को झटका लगा है. मुंबई रिटेल में 180 रुपये किलो बिकने वाला चिकन 120 रुपये में बिक रहा है. यानी दामों में 33 प्रतिशत गिरावट आई है. चिकन कारोबारी महमूद खान ने कहा कि ‘'हम लोगों का लॉस यहां होता है क्योंकि अपना प्रोडक्शन फ़ास्ट है, मुर्गी की लाइफ़ 30 से 50 दिन की होती है. अफवाहों के साथ ही 50-60 प्रतिशत बिक्री रुक जाती है. हर दिन का बैकलॉग डबल होकर बढ़ता जाता है. अब छोटे मोटे जो फ़ार्मर हैं उनको बड़ा नुक़सान है. कितने दिन होल्ड करेंगे 1,2,3 दिन फिर उसके बाद पैनिक सेल करते हैं, रेट कम करके बेचने पड़ते हैं.''
संक्रमित पक्षी से इंसानों में संक्रमण पहुंचने की पुष्टि नहीं हुई है. चिकन कारोबार पर बड़े पैमाने पर असर पड़ता देख सरकार समझा रही है कि 70 से 80 डिग्री सेल्सियस तापमान पर, कम से कम आधा घंटा पकाकर चिकन खाया जा सकता है क्योंकि इतनी डिग्री पर पकाने के बाद बर्ड फ्लू के जीवाणु मर जाते हैं.