महाराष्ट्र : जमीन घोटाले के आरोपों से घिरे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सिंचाई मंत्री

महाराष्ट्र : जमीन घोटाले के आरोपों से घिरे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सिंचाई मंत्री

गिरीश महाजन और रावसाहब दानवे (फाइल फोटो)

मुंबई:

जमीन घोटाले के मामले में अपना विभाग खो चुके बीजेपी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खड़से के बाद कुछ ऐसे ही आरोपों के चलते बीजेपी के नेता गिरीश महाजन और रावसाहब दानवे अब विपक्ष के निशाने पर हैं। दोनों नेताओं पर जमीन हड़पने के अलग-अलग मामले सामने आए हैं।

रावसाहब दानवे पर जमीन पर कब्जा करने का आरोप
बीजेपी के महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष रावसाहब दानवे पर आक्षेप है कि उन्होंने भोकरदन तहसील में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए आवंटित जमीन में से 4 एकड़ जमीन पर कब्जा जमाया है। दानवे के कब्जे की जमीन पर बने बंगले की तस्वीरें ट्वीटर पर वायरल हुई हैं। अंजलि दमानिया ने यह तस्वीरें ट्वीट की हैं।

महाजन ने चीनी मिल के लिए ली किसानों की जमीन
महाराष्ट्र के सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन पर आक्षेप है कि तापी पूर्णा चीनी मिल के लिए 2001 साल में करीब पांच एकड़ जमीन किसानों से ली गई। इस जमीन पर न कारखाना बना न ही इस जमीन के महाजन के नाम पर चढ़ने के बाद चुनावी हलफनामे में उसका खुलासा किया गया।

कांग्रेस ने कहा, पद छोड़ें दोनों नेता
कांग्रेस इन आक्षेपों के आधार पर बीजेपी नेताओं को पद छोड़ने के लिए कह रही है। महाराष्ट्र कांग्रेस प्रवक्ता अनंत गाडगिल ने NDTV इंडिया से कहा है कि कांग्रेस में आरोप सिद्ध होने के इंतजार में न रुकते हुए, केवल जनमत के आधार पर लोगों को पद से दूर किया जाता है। और बीजेपी कोई कार्रवाई नहीं कर रही। आरोप झेल रहे दोनों नेताओं को पद से दूर हो जाना चाहिए।

अब सफाई दे रहे बीजेपी नेता
मामले को गर्माता देख प्रदेश अध्यक्ष दानवे ने मीडिया से बात की। उन्होंने बताया कि उनसे कोई अनियमितता नहीं हुई है। दूसरी तरफ सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन अब अपनी सफाई दे रहे हैं। मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा कि कानूनन 25 एकड़ से ज्यादा जमीन चीनी मिल के नाम पर नहीं ली जा सकती। जबकि मिल के लिए इससे अधिक जमीन की जरूरत होती है। ऐसे में जमीन उनके नाम पर इसलिए ली गई क्योंकि वे चीनी मिल के संचालक थे। अब जब कारखाना नहीं बना है तो वे इस जमीन को लौटा देंगे।


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