NCP प्रमुख शरद पवार ने कहा -अजित पवार का निजी फैसला
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में शिवसेना के हाथ आ रही मुख्यमंत्री की कुर्सी बीजेपी ने रातों-रात 'सर्जिकल स्ट्राइक' करके छीन ली है. हैरानी इस बात की है कि इस बात की भनक न तो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को रही होगी, न कांग्रेस को. यहां तक कि अंदाजा लगाया जा रहा है कि बीजेपी के भी कई नेताओं को नहीं पता रहा होगा कि रात में महाराष्ट्र में इस तरह का तख्ता पलट हो जाएगा. देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के शपथ लेते ही राष्ट्रपति शासन हटाने की भी अधिसूचना जारी कर दी गई. दरअसल राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश कैबिनेट की बैठक की जाती है. लेकिन इस प्रक्रिया की भी किसी तो भनक नहीं लगने पाई है. दरअसल इस बड़े सियासी घटनाक्रम के कई मायने हैं. आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं. बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर बहुमत का 145 का आंकड़ा पार कर लिया था. लेकिन शिवसेना ने 50-50 फॉर्मूले की मांग रख दी जिसके मुताबिक ढाई-ढाई साल सरकार चलाने का मॉडल था. शिवसेना का कहना है कि बीजेपी के साथ समझौता इसी फॉर्मूले पर हुआ था लेकिन बीजेपी का दावा है कि ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ. इसी लेकर मतभेद इतना बढ़ा कि दोनों पार्टियों की 30 साल पुरानी दोस्ती टूट गई.
शरद पवार ने कहा यह NCP का फैसला नहीं
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक शरद पवार ने कहा है कि बीजेपी को समर्थन करना अजित पवार का निजी फैसला है. एनसीपी इसमें शामिल नहीं है. शरद पवार ने कहा, 'मैं उनके इस फैसले का किसी तरह से समर्थन नहीं करता हूं'
शिवसेना के 'सामना' में छपा था- उद्धव ठाकरे ही!
शुक्रवार को बैठकों को कई दौर के बाद जब Congress-NCP और शिवसेना में सहमति बनी कि उद्धव ठाकरे ही महाराष्ट्र के सीएम बनेंगे और इसी आत्मविश्वास से शिवसेना के मुखपत्र सामना आज हेडलाइन छपी है - ....उद्धव ठाकरे ही!
क्या कहा देवेंद्र फडणवीस ने
सबसे पहले हमारे नेता आदरणीय मोदी जी और अमित शाह का आभार व्यक्त करता हूं. शिवसेना ने जनादेश को नकारते हुए हमसे अलग सरकार बनाने की कोशिश की. महाराष्ट्र को स्थाई सरकार बने इसके लिए हम अजित पवार को आभार व्यक्त करता हूं. हमें विश्वास है कि हम स्थिर सरकार दे पाएंगे
अजित पवार ने क्या कहा
महाराष्ट्र में नतीजे आने के बाद कोई सरकार नहीं बना पाया. महाराष्ट्र में कई दिक्कते हैं. हमने निर्णय लिया और स्थिर सरकार बनाई है.