महाराष्ट्र: डिप्टी CM पद से इस्तीफे से पहले अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस को क्या कहा था?

सीएम पद से इस्तीफा देते हुए फडणवीस ने शिवसेना पर आरोप लगाया कि वह मुख्यमंत्री पद के लिए लालायित थी और इसके लिए पार्टी से “हिंदुत्व” के एजेंडे को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के चरणों में रख दिया.

महाराष्ट्र: डिप्टी CM पद से इस्तीफे से पहले अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस को क्या कहा था?

अजित पवार के बाद देवेंद्र फडणवीस ने भी इस्तीफा दे दिया था.

खास बातें

  • सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दे दिया था इस्तीफा
  • पहले अजित पवार, फिर देवेंद्र फडणवीस ने छोड़ा पद
  • अब एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना बनाएगी सरकार
मुंबई:

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के कुछ समय बाद ही भाजपा को महसूस हो गया था कि उसके पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे है. एनसीपी नेता अजित पवार ने डिप्टी सीएम के तौर पर देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ ली थी, लेकिन वह महाराष्ट्र में बहुमत साबित करने के लिए विधायकों को अपने खेमे में लाने में नाकाम रहे. देवेंद्र फडणवीस के साथ शपथ लेने के बाद अजित पवार ने कहा था कि उनके चाचा और सभी एनसीपी विधायक सरकार बनाने के लिए भाजपा का समर्थन देने के लिए उनके साथ हैं. लेकिन पिछले चार दिनों में उनकी यह बात गलत साबित हो गई, जो एनसीपी विधायक लापता थे, वे भी शरद पवार के खेमे में लौट आए.

शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में इस सरकार के गठन को चुनौती थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि देवेंद्र फडणवीस सरकार बुधवार शाम पांच बजे से पहले बहुमत साबित करें. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए कि फ्लोर टेस्ट का लाइव टेलीकास्ट होगा और यह गुप्त मतदान के तहत ना हो. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश ने भाजपा की रणनीति को धक्का दिया, जो उम्मीद कर रही थी कि अजित पवार का समर्थन करने वाले एनसीपी विधायक फ्लोर टेस्ट के दौरान उनके समर्थन में वोट कर देंगे. 

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सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद अजित पवार ने देवेंद्र फडणवीस से करीब एक घंटे तक मुलाकत की, इसके बाद ही अजित पवार के इस्तीफे की खबरें आने लगी थीं. सूत्रों के मुताबिक भाजपा अब महाराष्ट्र में समय से पहले चुनाव की तैयारी कर रही है, उसका मामना है कि एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना का गठबंधन ज्यादा दिन नहीं चलेगा.

सीएम पद से इस्तीफा देते हुए फडणवीस ने शिवसेना पर आरोप लगाया कि वह मुख्यमंत्री पद के लिए लालायित थी और इसके लिए पार्टी से “हिंदुत्व” के एजेंडे को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के चरणों में रख दिया.

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साथ ही उन्होंने कहा, 'राकांपा के अजित पवार ने हमारा सहयोग करने का फैसला किया था. इस चर्चा के अनुसार हमने सरकार बनाई. आज (मंगलवार) अजित पवार मुझसे मिले और कहा कि वह कुछ व्यक्तिगत कारणों के चलते गठबंधन में आगे नहीं रह सकते. चूंकि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, इसलिए हमारे पास भी बहुमत नहीं है.' उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री पद से अजित पवार के इस्तीफे के बाद हमारे पास बहुमत नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें महसूस हुआ कि हमारे पास संख्या बल नहीं है और हम खरीद-फरोख्त में शामिल नहीं होना चाहते इसलिये इस्तीफे का फैसला किया.

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बता दें. राकांपा नेता अजित पवार के समर्थन से 23 नवंबर को बनी भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार मंगलवार दोपहर को तब गिर गयी जब पवार ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और फिर उसके बाद देवेंद्र फडणवीस को भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के ‘महाविकास अघाडी' ने सोमवार को 162 विधायकों का समर्थन होने का दावा करते हुए राज्यपाल को एक पत्र सौंपा. राकांपा ने घोषणा की कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे. वह गुरुवार शाम को दादर में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. 

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