महाराष्ट्र : एनसीपी और भाजपा में छिड़ गया फ़ोटो वॉर

मुंबई:

महाराष्ट्र में बीजेपी और एनसीपी के बीच एक नई जंग छिड़ गई है। इस जंग के केंद्र में हैं वह तस्वीरें जिसमें इन राजनीतिक दलों के नेता किसानों की आवभगत स्वीकारते दिख रहे हैं।

विवाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी हुई तस्वीरों से शुरू हुआ। राज्य के मुख्यमंत्री बेमौसम बरसात से हुए नुकसान का मुआयना करने मंगलवार को यवतमाल गए थे। अपने दौरे में मुख्यमंत्री ने स्थानीय किसान के घर खाना खाया और एक रात गुजारी। जिस की तस्वीरें मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी हुई।

तस्वीरों में मुख्यमंत्री फडणवीस किसान के घर ज़मीनपर बैठकर खाना खाते दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपनी विज्ञप्ति इस बात का भी जिक्र किया है कि, मुख्यमंत्री ने किसान के घर बहुत साधारण खाना खाया। जिसमें दाल, रोटी, चावल सब्ज़ी शामिल है।

एनसीपी ने इस कोशिश को 'इवेन्ट मैनेजमैन्ट' करार दिया। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता नवाब मलिक ने एनडीटीवी इंडीया से बात करते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री के ठहरने के लिए कैटरर के जरिए व्यवस्था की गई थी। इस तरह की कोशिश किसानों के जख्मों पर मरहम के लिए काफ़ी नहीं।

एनसीपी की इस तल्ख टिप्पण्णी को जबाब देने के लिए बीजेपी भी मैदान में कूद गई।

अपने मुख्यमंत्री का बचाव करने के लिए पार्टी कुछ तस्वीरें जारी की जिसमें एनसीपी के मुखिया शरद पवार अपने नेताओं के साथ बैठकर काजू-बादाम और किशमिश खाते हुए हंसी मजाक करते दिख रहे हैं। यह तस्वीर पिछले साल की है जब महाराष्ट्र में हुई ओलाबारी के चलते मराठवाड़ा में हुए नुकसान का जायजा लेने तत्कालीन कृषिमंत्री शरद पवार ने दौरा किया था। इस समय एक नुकसानग्रस्त किसान के खेत में पवार को काजू-बादाम और किशमिश परोसे गए।

जिसका लुफ़्त उठाते वे अलग तस्वीर में दिख रहे हैं।

इन तस्वीरों को रिलीज करने के बाद महाराष्ट्र बीजेपी के मुख्य प्रवक्ता माधव भांडारी ने एनडीटीवी इंडीया से बात करते हुए सवाल पूछा कि, ओलाबारी से परेशान किसान के खेत में काजू-बादाम और किशमिश की दावत उड़ाना कहां की नैतिकता है? राज्य के मुख्यमंत्री फड़णवीस यवतमाल में किसान के घर इसलिए रुके ताकी आपदाग्रस्त किसान को वे भरोसा दिला सकें। अगर उनकी आवभगत में किसान ने कोई व्यवस्था की हो तो यह हमारी परम्परा है।

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होली की पूर्वसंध्या पर शुरू हुए इस विवाद से महाराष्ट्र की राजनीति में आरोप प्रत्यारोपों के रंग उछल गए हैं।