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खास बातें
- अयोध्या मसले पर मध्यस्थता पैनल ने सौंपी रिपोर्ट: सूत्र
- सरकार को ज़मीन देने पर सुन्नी वक्फ़ बोर्ड को एतराज़ नहीं: सूत्र
- 'दूसरी जगह मस्जिद बनाने को तैयार सुन्नी वक्फ़ बोर्ड'
नई दिल्ली: अयोध्या मामले (Ayodhya Case) की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 40 दिन तक चलने के बाद खत्म हो गई है. सुप्रीम कोर्ट नवंबर में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद फैसला सुनाएगा. सूत्रों के मुताबिक मध्यस्थता पैनल ने भी अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है. इसमें एक बड़ी ख़बर सामने आ रही है कि सुन्नी वक्फ़ बोर्ड (Sunni Waqf Board) सरकार को जमीन देने को तैयार हो गया है. साथ ही वक्फ बोर्ड दूसरी जगह मस्जिद बनाने के लिए भी तैयार है. बता दें कि इससे पहले CJI रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पांच जजों की बेंच ने इस मामले में 40 दिन तक सुनवाई करने के बाद दलीलें पूरी कर लीं.
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बेंच ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में संबंधित पक्षों को ‘मोल्डिंग ऑफ रिलीफ' (राहत में बदलाव) के मुद्दे पर लिखित दलील दाखिल करने के लिए तीन दिन का समय दिया है. इस पीठ में न्यायमूर्ति एसए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं. बता दें कि कोर्ट ने पहले ही कहा था कि सुनवाई 17 अक्टूबर को पूरी हो जाएगी. बाद में इस समय सीमा को एक दिन पहले कर दिया गया.
बता दें कि पांच जजों की बेंच ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला-के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश देने संबंधी इलाहाबाद हाईकोर्ट के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई की है.
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