पीएम से मिलीं ममता बनर्जी, कर्ज माफी पर मोदी ने दिखाया ठंडा रुख

नई दिल्ली:

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पहले ममता अकेले पीएम से मिलीं, उसके बाद सांसदों के साथ उन्होंने पीएम से मुलाकात की। ममता ने यह भी कहा कि भूमि अधिग्रहण कानून पर कोई बात नहीं हुई है।

मुलाकात के बाद ममता ने पत्रकारों को बताया कि पीएम मोदी ने मदद का भरोसा दिया है और कहा कि इतना कर्ज होने के बावजूद बंगाल ने अनुशासन बनाए रखा है।

सूत्रों ने एनडीटीवी से कहा कि कर्ज माफी की ममता बनर्जी की मांग पर केंद्र सरकार का रुख ठंडा है। पीएम ने ममता को कर्ज माफी में लाचारी जताते हुए कहा कि ऐसा कदम उठाने पर बाकी राज्य भी कर्ज माफी की मांग करेंगे हालांकि ममता बनर्जी को यह भरोसा जरूर दिया गया कि उनके राज्य को कामकाज के आधार पर तमाम योजनाओं के तहत केंद्र की ओर से निर्धारित फंड देने में कोई देरी नहीं होगी।

ममता अभी दो दिन तक दिल्ली में हैं। वह राज्य की आर्थिक मदद के लिए अलग-अलग मंत्रियों से मिल रही हैं। मंगलवार को वह वित्तमंत्री अरुण जेटली से मिलेंगी।

वैसे अब तक नरेंद्र मोदी के साथ ममता बनर्ज़ी का वैचारिक टकराव साफ दिखता रहा है। वह मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद उनसे पहली बार मिलीं,  क्योंकि अभी बात सिर्फ आर्थिक मदद या कर्ज़ माफी की नहीं है। इस वक्त बीजेपी औऱ टीएमसी दोनों को एक दूसरे की मदद चाहिए, जहां एक ओर ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में चिटफंड घोटाले की सीबीआई जांच से परेशान है। उधर मोदी सरकार राज्यसभा में अल्पमत में है और उसे कई बिल पास कराने के अलावा दूसरे मुद्दों पर टीएमसी का समर्थन चाहिए।

लेकिन बंगाल में विपक्षी पार्टी सीपीएम, बीजेपी और टीएमसी की बढ़ती नज़दीकियों पर निशाना साध रही है। सीपीएम ने ताना मारते हुए ममता बनर्जी की प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात को 'घर वापसी' की संज्ञा दी है। सीपीएम के सांसद मोहम्मद सलीम ने ममता बनर्जी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, 'ममता बनर्जी और उनके नाराज़ चल रहे सांसद मुकुल रॉय के बीच होड़ मची है कि कौन मोदी के अधिक करीब पहुंच पाता है।'

वहीं मोदी से मुलाकात से पहले तृणमूल के सांसद कल्याण बनर्जी ने बताया कि ममता बनर्जी के यह मुलाकात राजनीतिक नहीं, बल्कि पीएम और सीएम के बीच है।

गौरतलब है कि अब तक पश्चिम बंगाल और केंद्र के बीच टकराव दिखता रहा है, लेकिन ममता बनर्ज़ी कर्ज़ से घिरे राज्य के लिए केंद्र की मदद मांग रही हैं। राज्य के ऊपर अभी कोई दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज़ है। हालांकि वित्तमंत्री ने बजट में बंगाल के लिए पैकेज की घोषणा की है, लेकिन ममता बनर्जी उससे खुश नहीं और उसकी राजनीतिक वजह भी है।

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अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए बीजेपी के लिए बंगाल काफी अहम है। अभी उसके पास यहां केवल एक विधायक है, लेकिन वह अपनी संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रही है। 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने दो संसदीय सीटों पर जीत हासिल की और उसके हौसले बुलंद हैं।