तीसरा मोर्चा: ममता बनर्जी का फॉर्मूला- आपस में नहीं बीजेपी से लड़ो, पर ये हैं 7 बड़ी चुनौतियां

बीजेपी के खिलाफ मोर्चे में जान भरने के लिए कमान अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संभाली है.

तीसरा मोर्चा: ममता बनर्जी का फॉर्मूला- आपस में नहीं बीजेपी से लड़ो, पर ये हैं 7 बड़ी चुनौतियां

ममता बनर्जी ने बुधवार को बीजेपी के बागी नेताओं से मुलाकात की

खास बातें

  • ममता बनर्जी ने सोनिया गांधी और अरविंद केजरीवाल से की मुलाकात
  • बीजेपी के बागी नेताओं यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न और शौरी से भी की मुुुुलाकात
  • ममता का दावा है कि विपक्ष एक होकर बीजेपी को टक्कर देगा
नई दिल्ली:

बीजेपी के खिलाफ मोर्चे में जान भरने के लिए कमान अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संभाली है. ममता बनर्जी बुधवार को दिल्ली में सोनिया गांधी, अरविंद केजरीवाल और बीजेपी के बागी नेताओं यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा और अरुण शौरी से अलग-अलग मिलती रहीं. नेताओं से मिलने का उनका ये सिलसिला गुरुवार को भी जारी रहेगा. ममता का दावा है कि विपक्ष एक होकर बीजेपी को टक्कर देगा तो उसे हर हाल में हरा देगा.

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ममता बनर्जी ने तीसरे मोर्चे के गठबंधन के लिए फ़ॉर्मूला दिया है कि आपस में नहीं बीजेपी से लड़ो. ये है ममता बनर्जी का फार्मूला....
1 - 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 31 फीसदी वोट मिले थे. वहीं विपक्ष को 69 फीसदी वोट मिले थे. अगर ये सब एक हो जाए तो बीजेपी को हराना आसान होगा. 
2 - जिस राज्य में जो भी पार्टी ताकतवर है वह बीजेपी से सीधे दो-दो हाथ करे. 
3 - राज्‍यों में दूसरी पार्टियों को उस पार्टी की मदद करनी चाहिए जो ताकतवर पार्टी है. यानी हर सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार के सामने विपक्ष का एक ही उम्मीदवार हो.
4 - अगर विपक्ष एक हो जाता है तो फूलपुर और गोरखपुर में सपा-बसपा के साथ आने से जैसे बीजेपी हारी वैसा ही सब जगह होगी. 

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अगर ममता का नुस्खा विपक्ष के मर्ज की दवा है या नहीं, यह तो बाद में पता चलेगा, लेकिन इस फार्मूले से सबसे पहले कांग्रेस के पेट में ही दर्द होगा. राजनीतिक जानकार ममता के फार्मूले के खिलाफ कुछ तगड़ी दलीलें देते हैं.
1- अगर विपक्ष एकजुट हो भी जाता है तो नरेंद्र मोदी के खिलाफ कौन सा चेहरा उतारा जाएगा?
2- 2019 के चुनाव में नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी होंगे या कोई और?
3- दोबारा जिंदा होने की कोशिश कर रही कांग्रेस पीएम मोदी के खिलाफ लड़ाई की बागडोर राहुल गांधी के अलावा किसी और को क्यों देगी.
4- खुद ममता को ही राहुल गांधी का नेतृत्व मंजूर नहीं है.
5- पश्चिम बंगाल की ही बात करें तो ममता के साथ लेफ्ट पार्टियां सीटों का बंटवारा कैसे करेंगी.
6- यूपी में सपा-बसपा के तालमेल में कांग्रेस कहां जाएगी.
7- मोदी बनाम सब का फायदा उठा कर बीजेपी धुव्रीकरण करने में कामयाब हो सकती है.

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