मांझी ने इस्तीफा देने से किया इनकार, शरद यादव ने बुलाई विधायकों की बैठक

जीतन राम मांझी

पटना:

बिहार में जीतन राम मांझी की विदाई तय है। ऐसा मांझी द्वारा पार्टी अध्यक्ष शरद यादव और वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार द्वारा इस्तीफा मांगने पर सीधे इनकार कर देने के कारण हुआ है। पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने शनिवार को पटना में विधायक दल की बैठक बुलाई है। वहीं, मुख्यमंत्री ने इस तरह की बैठक के बुलाने का गैर-कानूनी बताया है। उनका कहना है कि ऐसी बैठक बुलाने का हक मुख्यमंत्री को है।

बैठक हंगामेदार होने की उम्मीद की जा रही है। हालांकि इस बैठक का एजेंडा फ़िलहाल कुछ भी तय नहीं माना जा रहा है, लेकिन समझा जा रहा है कि इस बैठक में मांझी को हटाने के अलावा नए नेता के रूप में नीतीश कुमार से कमान संभालने का अनुरोध किया जाएगा।

पार्टी सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने पहले मांझी से इस्तीफा मांगा, लेकिन मांझी ने साफ़ कर दिया कि ये मांग नीतीश कुमार की तरफ से आनी चाहिए। तब शरद यादव ने उनकी बात नीतीश कुमार से कराई। तब मांझी ने मांग रखी कि नीतीश को मीडिया के माध्यम से उनसे इस्तीफा मांगना चाहिए और तब वो मीडिया में अपने कार्यकाल के दौरन किए गए कामों को रखेंगे और जनता और मीडिया फैसला करे कि उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।

मांझी के इस रुख से साफ़ हो गया कि फ़िलहाल वह इस्तीफा देने के लिए तैयार नहीं हैं और ऐसे में उनसे इस्तीफा लेना उतना आसान नहीं। इस बीच केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामबिलास पासवान ने कहा कि नीतीश के दबाव में मांझी से इस्तीफा लेने का प्रयास हो रहा है और अगर मांझी को हटाया गया तो उस व्यक्ति और पार्टी का राजनैतिक सफाया हो जाएगा।

वहीं, इससे पहले, मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने इस्तीफे की खबर पर विराम लगाते हुए कहा कि कहीं कोई इस्तीफे की बात नहीं है। मुझसे इस्तीफा शरद यादव ने नहीं मांगा है। मेरे यहाँ शरद यादव खाना पर आए थे। इस्तीफा की बात सिर्फ मीडिया में है।

मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आज अपने निर्वाचन क्षेत्र मखदुमपुर के सुगांव में पूर्व मंत्री स्वर्गीय सुखदेव प्रसाद वर्मा की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जबसे मैंने कुर्सी संभाली है तबसे लेकर आज तक कार्यकर्ताओ एवं मंत्री के साथ-साथ विधायकों के लिए मुख्यमंत्री का दरवाज़ा हमेशा खुला है।

पहले मुख्यमंत्री से मिलना मुश्किल कार्य था, अब यह आसान हो गया है। जीतन राम मांझी ने एक बार फिर अधिकारियों को धमकाते हुए कहा कि अगर कार्यकर्ताओ एवं गरीबों को ब्लॉक एवं थाना से भगाने का कार्य किया गया तो उस अधिकारी को भगा दूंगा।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से लोकसभा चुनाव में जनता को धोखा देकर वोट लेने का काम केंद्र सरकार ने किया है, जनता आने वाले विधानसभा के चुनाव में उसे सबक सिखाने का काम करेगी। मांझी ने मुरझाई हुई आवाज़ में कहा कि जब मैं गरीबों के लिए कुछ कर रहा हूं तो मुझ पर तरह तरह का दबाव बनाया जा रहा है। मगर, मैं गरीबों के लिए आगे भी कार्य करता रहूंगा।
उन्होंने सुखदेव प्रसाद वर्मा की पुण्यतिथि राज्यकीय सम्मान के साथ मनाने की घोषणा करते हुए उनकी आदमकद प्रतिमा लगाने की भी घोषणा की। पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कार्य की जमकर सराहना करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार ने जो विकास का रोडमैप तैयार किया, उसे मैं आगे बढ़ाने का काम कर रहा हूं।