PM ने लाल किले हिंसा पर जताया दुख, 30 लाख कोरोना वॉरियर्स के टीकाकरण पर खुश, जानें- 'मन की बात' के 10 बिंदु

Mann Ki Baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज साल 2021 में पहली बार 'मन की बात' की. इस दौरान उन्होंने गणतंत्र दिवस पर लाल किले की ऐतिहासिक प्राचीर पर तिरंगे के अपमान पर दु:ख जताया और कहा कि यह देखकर देश बहुत दुखी हुआ.

PM ने लाल किले हिंसा पर जताया दुख, 30 लाख कोरोना वॉरियर्स के टीकाकरण पर खुश, जानें- 'मन की बात' के 10 बिंदु

Mann Ki Baat: मासिक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा इस वर्ष से भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का समारोह अमृत महोत्सव शुरू करने जा रहा है.

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज साल 2021 में पहली बार 'मन की बात' की. इस दौरान उन्होंने गणतंत्र दिवस पर लाल किले की ऐतिहासिक प्राचीर पर तिरंगे के अपमान पर दु:ख जताया और कहा कि यह देखकर देश बहुत दुखी हुआ. हालांकि, उन्होंने कहा, इन सबके बीच,  हमें आने वाले समय को नई आशा और नवीनता से भरना है. पीएम ने कहा, "हमने पिछले साल असाधारण संयम और साहस का परिचय दिया. इस साल भी हमें कड़ी मेहनत करके अपने संकल्पों को सिद्ध करना है." 

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण की चर्चा करते हुए कहा कि भारत ने कोरोना वायरस की लड़ाई में एक अहम मुकाम बनाया है. हिन्दुस्तान पूरी दुनिया में इस लड़ाई में एक उदाहरण बनकर उभरा है. अब, हमारा टीकाकारण कार्यक्रम भी दुनिया में एक मिसाल बन रहा है. उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा कोविड वैक्सीन प्रोग्राम चला रहा है. 

  2. पीएम ने कहा कि आप जानते हैं, और भी ज्यादा गर्व की बात क्या है? हम सबसे बड़े वैक्सीन प्रोग्राम के साथ ही दुनिया में सबसे तेज गति से अपने नागरिकों का टीकाकरण भी कर रहे हैं. सिर्फ 15 दिन में, भारत, अपने 30 लाख से ज्यादा, कोरोना वॉरियर्स का टीकाकरण कर चुका है, जबकि, अमेरिका जैसे विकसित देश को, इसी काम में 18 दिन लगे थे और ब्रिटेन को 36 दिन. 

  3. पीएम मोदी ने कहा कि साथियो, मेड इन इंडिया वैक्सीन आज भारत की आत्मनिर्भरता का तो प्रतीक है ही भारत के, आत्मगौरव का भी प्रतीक बन चुका है.उन्होंने कहा, इस साल की शुरुआत के साथ ही कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई को करीब एक साल पूरा हो गया है. 

  4. नए साल में जनवरी के महीने के दौरान मनाए गए पर्व व त्योहारों के साथ अन्य घटनाओं व कायर्क्रमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘"इन सबके बीच, दिल्ली में 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख देश बहुत दुखी भी हुआ." प्रधानमंत्री ने 23 जनवरी को स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस' के तौर पर मनाए जाने और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की ‘शानदार परेड' का भी जिक्र किया.

  5. प्रधानमंत्री ने संसद के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा संसद के संयुक्त सत्र में हुए संबोधन और पद्म पुरस्कारों की घोषणा का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा, ‘‘इस साल भी पुरस्कार पाने वालों में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम किया है और अपने कामों से किसी का जीवन बदला है, देश को आगे बढ़ाया है."
    मोदी ने कहा, "यानी, जमीनी स्तर पर काम करने वाले अनजाने चेहरों को पद्म सम्मान देने की जो परंपरा देश ने कुछ वर्ष पहले शुरू की थी, वो, इस बार भी कायम रखी गई है."

  6. अपने मासिक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा इस वर्ष से भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का समारोह अमृत महोत्सव शुरू करने जा रहा है. ऐसे में यह हमारे उन महानायकों से जुड़ी स्थानीय जगहों का पता लगाने का बेहतरीन समय है, जिनकी वजह से हमें आजादी मिली. मैं उन शहीदों को नमन करता हूं और उनके साहस का श्रद्धापूर्वक स्मरण करता हूं. पीएम ने कहा,  "मैं जयराम विप्लव जी को धन्यवाद देना चाहता हूं. वे, एक ऐसी घटना को देश के सामने लेकर आए, जिस पर उतनी चर्चा नहीं हो पाई, जितनी होनी चाहिए थी."

  7. पीएम मोदी ने कहा, हमारी छोटी-छोटी बातें, जो एक-दूसरे को, कुछ, सिखा जाये, जीवन के खट्टे-मीठे अनुभव जो, जी-भर के जीने की प्रेरणा बन जाये - बस यही तो है ‘मन की बात.' 

  8. पीएम ने कहा, इस महीने, क्रिकेट पिच से भी बहुत अच्छी खबर मिली. हमारी क्रिकेट टीम ने शुरुआती दिक्कतों के बाद, शानदार वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया में सीरीज जीती. हमारे खिलाड़ियों का hard work और team work प्रेरित करने वाला है.

  9. केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कृषि के आधुनिकीकरण के लिए सरकार दृढ़ संकल्पित है और इसके लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, ये प्रयास जारी रहेंगे.''

  10. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दिनों झांसी में एक महीने तक चलने वाला Strawberry Festival शुरू हुआ. उन्होंने कहा, "किसी को आश्चर्य होता होगा Strawberry और बुंदेलखंड! लेकिन, यही सच्चाई है. नई तकनीक की मदद से ऐसे ही प्रयास देश के अन्य हिस्सों में भी हो रहे हैं, जो स्ट्राबेरी कभी, पहाड़ों की पहचान थी, वो अब, कच्छ की रेतीली जमीन पर भी होने लगी है, किसानों की आय बढ़ रही है. खेती को आधुनिक बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है." पीएम  ने कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से किसानों और युवाओं को अपने घर के पीछे खाली जगह पर, या छत पर टैरेस गार्डेन में बागवानी करने और स्ट्राबेरीज उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.