डोर स्टेप डिलीवरी की शुरुआ 2018 में की गई थी.
खास बातें
- मनोज तिवारी ने डोर स्टेप डिलीवरी को बताया जनता के साथ धोखा
- केजरीवाल ने कहा- रिक्वेस्ट पूरी होने का सक्सेस रेट 91 फीसदी
- सितंबर 2018 में शुरू हुई थी योजना
नई दिल्ली: दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी (Manoj Tiwari) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला है. मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार की महत्वाकांक्षी डोर स्टेप डिलीवरी योजना पर सवाल उठाए हैं और आरोप लगाए हैं. सरकार द्वारा चलाई जा रही डोरस्टेप डिलीवरी योजना को जनता के साथ धोखा बताते हुये कहा मनोज तिवारी ने कहा, ''मुख्यमंत्री केजरीवाल डोर स्टेप डिलीवरी को लेकर अपनी पीठ थपथपाते रहे है लेकिन जमीन पर उस योजना की सच्चाई ठीक इसके विपरीत है. यह योजना पूरी तरह से फेल हो हो गई है. घर बैठे प्रमाण पत्र बनाने की सेवा देने वाली योजना जमीन पर कहीं नहीं उतरती है. इस योजना के तहत आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को ही लाभ पहुंचाया जा रहा है.''
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तिवारी ने कहा कि दिल्ली की जनता की बहुत बड़ी शिकायत है कि एक तो कॉल सेन्टर का नम्बर लगता नहीं है और लगता भी है तो कोई सहायता अधिकारी नहीं आता है. इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि सवा साल पहले शुरू की गई डोर स्टेप डिलीवरी योजना में अभी तक 70 सेवाएं दिल्ली के लोगों को घर तक पहुंचाई जा रही थी, लेकिन अब इसमें 30 और योजनाएं जोड़कर इसको 100 तक पहुंचा दिया गया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह भी दावा किया की डोर स्टेप डिलीवरी योजना में सर्विस रिक्वेस्ट पूरी होने का सक्सेस रेट 91 फीसदी है यानी इस योजना में लोग अपना जो काम घर बैठे करवाना चाहते हैं. वह 100 में से 91 फ़ीसदी हो जाता है.
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केजरीवाल ने आंकड़े देते हुए बताया कि सितंबर 2018 में शुरू हुई इस योजना में 2.78 लाख सर्विस रिक्वेस्ट में से 2.64 लाख का निपटारा किया गया है. लेकिन बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी का सवाल है कि जब केन्द्र सरकार कॉमन सर्विस सेन्टर के तहत कई सारी सेवाओं की सुविधा लोगों को पहले से ही दे रही है तो फिर मुख्यमंत्री केजरीवाल बताएं कि दिल्ली सरकार डोर स्टेप डिलवरी योजना केन्द्र सरकार के समतुल्य चलाने का दिखावा क्यों कर रही है? यह मोदी सरकार की राष्ट्रीय ई-शासन योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस योजना के तहत सार्वजनिक-निजी भागीदारी से एक लाख से ज्यादा केंद्रों की स्थापना करना है जिससे आम लोगों को सारी सुविधाएं एक जगह मिल सकें और यह स्वरोजगार का केंद्र बन सके.
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