DTC बसों में मार्शलों की तैनाती के नाम पर खानापूर्ति!

DTC बसों में मार्शलों की तैनाती के नाम पर खानापूर्ति!

डीटीसी बस में मार्शल

नई दिल्ली:

डीटीसी बसों में मार्शल तैनाती को लेकर दिल्ली सरकार बड़े-बड़े दावे कर चुकी है। विज्ञापनों में भी सरकार ने कहा कि 2000 बसों में मार्शल की तैनाती, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। ये मार्शल यात्रियों को नहीं, बल्कि डीटीसी के चेकिंग स्टाफ को दिए गए हैं। जो चंद मिनटों के लिए चलती बसों में दाखिल होते हैं और चेकिंग स्टाफ के साथ ही ओझल भी हो जाते हैं। ऐसे में कैसे होगी सुरक्षा। दावे तो बहुत बड़े थे, लेकिन दर्शन छोटे हैं।

इनकी वर्दी और नौकरी तो होम गार्ड की ही है पर डीटीसी की ड्यूटी के दौरान ये मार्शल कहलाते हैं। चेकिंग स्टाफ के साथ बसों में चढ़ते हैं जितनी देर में स्टाफ टिकट चेक करते हैं उतनी देर ये भी संभावित अपराधियों का मुआयना करते हैं, फिर बस स्टाफ के साथ ही नीचे उतर जाते हैं। अब ये मत पूछिए कि सुरक्षा किसको मिली.. महिलाओं को या स्टाफ को। सुधा बताती हैं कि सुरक्षा तो हमारी तब होती जब वो बसों में होते। अभी तो चेकिंग स्टाफ की सुरक्षा होती है।

उधर मार्शल की झलक भर दिखाकर दिल्ली सरकार ये दावा कर रही है कि चुनावों के दौरान किया वादा पूरा हुआ। शुरुआत में 2000 मार्शल की तैनाती की बात हुई, जबकि डीटीसी बसों की संख्या करीब 3700 है। हालांकि रात की करीब 280 बसों में मार्शल होते हैं, लेकिन दिन में इनकी मौजूदगी के बारे में तो बसों का स्टाफ भी नहीं स्वीकार कर पा रहा।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

बसों के अलावा जिन 2000 मार्शल्स की बात हुई, उनमें से 500 की तैनाती सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा में लगाया गया है। ऐसे में सफर की सुरक्षा के स्तर में कितना बदलाव आया है। अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं।