मथुरा हिंसा : अवैध वसूली करता था 'आजाद भारत विधिक विचारक क्रांति सत्याग्रही' का नेता रामवृक्ष यादव

मथुरा हिंसा : अवैध वसूली करता था 'आजाद भारत विधिक विचारक क्रांति सत्याग्रही' का नेता रामवृक्ष यादव

रामवृक्ष यादव (फाइल फोटो)

मथुरा:

मथुरा के जवाहर बाग में अतिक्रमण हटाने गए पुलिस वालों पर हमला करने वाले लोगों का नेता रामवृक्ष यादव फिलहाल लापता है। उसके दो प्रमुख साथी भी लापता हैं। गुरुवार को पुलिस से मुठभेड़ और आग में झुलसकर मरे उपद्रवियों में इन तीनों के भी शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल उनकी शिनाख्त नहीं हुई है।

जलने से मरे लोगों की शिनाख्त डीएनए टेस्ट से होगी
पुलिस के मुताबिक आग में जलकर मरे 11 उपद्रवियों की लाशें बहुत बुरी स्थिति में हैं इसलिए उनकी फिलहाल पहचान नहीं हो सकी है। डीएनए टेस्ट से मरने वालों की शिनाख्त हो जाएगी। करीब दो साल पहले 'बाबा जय गुरुदेव' संगठन से अलग हुए समूह ने खुद को 'आजाद भारत विधिक विचारक क्रांति सत्याग्रही' घोषित किया था और धरने की आड़ में जवाहर बाग की सैकड़ों एकड़ भूमि पर कब्जा कर लिया था।

सात माह पहले जेल से रिहा हुआ था
इस संगठन का मुखिया रामवृक्ष यादव मूल रूप से गाजीपुर का निवासी है। उस पर पंद्रह से ज्यादा मामले दर्ज हैं। हत्या के प्रयास के तहत वह सात महीने पहले जेल भी काट चुका है। जवाहर बाग मामले पर प्रशासन ने उसके खिलाफ सात मामले दर्ज किए हैं। इससे पहले उसके ऊपर आठ केस दर्ज थे।

चंदन हिंसा के लिए उकसाता, राकेश रकम की व्यवस्था करता
रामवृक्ष का दाहिना हाथ कहे जाने वाला शख्स चंदन बोस मूल रूप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। उसका फाइनेंसर राकेश बाबू गुप्ता बदांयू का रहने वाला है। नाम न छापने की शर्त पर उसके करीबी बताते हैं कि चंदन बोस लोगों को हिंसा के लिए उकसाता था, हथियारों की व्यवस्था करता था। राकेश बाबू के ऊपर पैसों का इंतजाम करने का जिम्मा रहता था।

महंगे वाहनों में घूमने और तानशाह बनने का शौक
मध्य प्रदेश के नंबरों की इंडेवर, सफारी और इनोवा जैसी आधा दर्जन गाड़ियों का मालिक रामवृक्ष 'नेता जी' के नाम से लोगों को प्रेरित करता रहा है। इसके पीछे वह संगठित तरीके से अपराधिक गतिविधियां चलाकर पैसों की उगाही भी करता रहा। तानाशाह के तरीके से जिंदगी जीने का उसका शौक है। जानकार बताते हैं कि सम्राट जैसा बर्ताव करने वाले रामवृछ के समर्थक मूल रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बंगाल के हैं।

गौरतलब है कि गुरुवार को अतिक्रमणकारियों के हमले में एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष यादव शहीद हो गए। फायरिंग से 22 उपद्रवियों की भी मौत हुई है, जिनमें 11 की मौत आग में झुलसकर हुई है। इस घटना में 23 पुलिस कर्मी जख्मी हुए हैं, जबकि 40 से अधिक लोग घायल हैं।


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