मायावती ने राज्यसभा से दिया इस्तीफा, सदन में बोलने न देने से थीं नाराज

राज्यसभा में उपसभापति पीजे कुरियन ने मायावती को अपनी बात तीन मिनट में खत्म करने को कहा था. इस पर मायावती नाराज हो गईं.

मायावती ने राज्यसभा से दिया इस्तीफा, सदन में बोलने न देने से थीं नाराज

खास बातें

  • सहारनपुर हिंसा पर बोलने के लिए कम वक्त दिए जाने से मायावती हुईं नाराज
  • 'सत्ता पक्ष के लोगों ने एक साथ खड़े होकर मुझे बोलने नहीं दिया'
  • 'जब मैं दलित समाज की बात तक नहीं रख सकती, तो मेरे यहां होने का क्या लाभ'
नई दिल्ली:

यूपी के सहारनपुर में दलित विरोधी हिंसा को लेकर अपनी बात जल्द खत्म करने को कहे जाने से नाराज बसपा प्रमुख मायावती ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी को सौंप दिया है.

मायावती ने कहा, मैं शोषितों, मजदूरों, किसानों और खासकर दलितों के उत्‍पीड़न की बात सदन में रखना चाहती थी. सहारनपुर के शब्‍बीरपुर गांव में जो दलित उत्‍पीड़न हुआ है, मैं उसकी बात उठाना चाहती थी, लेकिन सत्ता पक्ष के सभी लोग एक साथ खड़े हो गए और मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया. बसपा प्रमुख ने कहा, मैं दलित समाज से आती हूं और जब मैं अपने समाज की बात नहीं रख सकती हूं, तो मेरे यहां होने का क्‍या लाभ है. राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि मायावती का इस्तीफा स्वीकार करने का निर्णय सभापति करेंगे. नियम के अनुसार त्यागपत्र संक्षिप्त होना चाहिए और इसमें कारणों का उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए.

बोलने के लिए कम समय देने से बिफरीं मायावती
उल्लेखनीय है कि राज्यसभा में उपसभापति पीजे कुरियन ने मायावती को अपनी बात तीन मिनट में खत्म करने को कहा था. इस पर मायावती नाराज हो गईं और कहा कि वह एक गंभीर मुद्दा उठा रही हैं, जिसके लिए उन्हें अधिक वक्त चाहिए.

मायावती ने कहा कि सहारनपुर घटना केंद्र की साजिश थी. इसके बाद राज्यसभा में हंगामा होने लगा और मायावती ने उपसभापति को कहा कि आप मुझे बोलने नहीं देंगे तो मैं सदन से इस्तीफा दे देती हूं.

यह भी पढ़ें
मायावती ने आखिर क्‍यों इस्‍तीफा देने की घोषणा की? जानें वजहें

'दलितों के मुद्दे उठाने से रोका गया'
कुरियन के रोकने पर उन्होंने यह भी कहा कि वह जिस समाज से संबंध रखती हैं, उस समाज से जुड़े मुद्दे उठाने से उन्हें कैसे रोका जा सकता है. उन्होंने कहा, 'अगर मैं दलितों के खिलाफ हो रही ज्यादतियों को लेकर अपनी बात ही सदन में नहीं रख सकती तो मुझे इस सदन में बने रहने का नैतिक अधिकार भी नहीं है.'

यह भी पढ़ें
सदन से वॉकआउट करने वाली बीएसपी सुप्रीमो मायावती के समर्थन में उतरा विपक्ष

मायावती ने कहा कि दलितों और छोटे तबकों के लोगों पर लगातार अत्याचार हो रहा है. सहारनपुर में दलितों का बड़े पैमाने पर उत्पीड़न हुआ. गुजरात के ऊना में दलितों पर अत्याचार हुआ. मुझे शब्बीरपुर में हेलीकॉप्टर से जाने की इजाजत नहीं दी गई.

वीडियो - राज्यसभा में कुछ यूं फूटा मायावती का गुस्सा



उन्होंने कहा कि मुझे सड़क के रास्ते जाना पड़ा. जब मैं गांव पहुंची तो डीएम और एसपी गायब थे. मैंने वहां कोई ऐसी बात नहीं कही जिससे समुदायों के बीच लड़ाई हो जाए. यूपी में अभी भी महाजंगलराज और महागुंडाराज है. हमें पीड़ितों की मदद के लिए भी प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ी.


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com