बहुजन समाज पार्टी की चीफ मायावती एक जनसभा में लोगों का अभिवादन स्वीकार करती हुईं.
खास बातें
- मायावती ने विपक्षी सांसदों को दी संविधान और लोकतंत्र के मर्यादा का दुहाई
- किसान बिल पारित कराने के दौरान राज्यसभा में हुए हंगामे पर जताई नाराजगी
- विपक्ष के आठ सांसदों को राज्यसभा के सभापति ने कर दिया है निलंबित
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने पिछले दिनों किसान बिल (Farmers Bills) पारित होने के दौरान संसद खासकर राज्यसभा में विपक्षी नेताओं के व्यवहार पर कड़ी नाराजगी जताई है. सोशल मीडिया पर मायावती ने ट्वीट किया, "वैसे तो संसद लोकतंत्र का मन्दिर ही कहलाता है फिर भी इसकी मर्यादा अनेकों बार तार-तार हुई है. वर्तमान संसद सत्र के दौरान भी सदन में सरकार की कार्यशैली व विपक्ष का जो व्यवहार देखने को मिला है वह संसद की मर्यादा, संविधान की गरिमा व लोकतंत्र को शर्मसार करने वाला...अति-दुःखद."
रविवार (20 सितंबर) को राज्यसभा में किसान बिल पारित कराने के दौरान विपक्षी सांसदों ने काफी शोर-शराबा और हंगामा किया था. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने तो उप सभापति के आसान के पास जाकर रूल बुक तक फाड़ दी थी. उप सभापति ने सदन में हंगामे के बीच ध्वनिमत से दो किसान बिल पारित करा दिए थे.
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बाद में राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार (21 सितंबर) को टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन समेत आठ विपक्षी सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया था. इसके खिलाफ सांसदों ने संसद परिसर में रातभर धरना दिया था. भारतीय लोकतांत्रिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था, जब सांसदों ने संसद परिसर में ही रातभर रहकर धरना दिया हो.
मंगलवार (22 सितंबर) की सुबह राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश खुद चाय लेकर उन सांसदों के पास पहुंचे थे जो संसद परिसर में धरना दे रहे थे. हालांकि, कुछ सांसदों ने उनकी चीय पीने से मना कर दिया था. पीएम मोदी ने हरिवंश के इस कदम की तारीफ की थी.
वीडियो: निलंबित सांसद अब भी नाराज