अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने पहली बार एमसीडी चुनावों में हिस्सा लिया था.
खास बातें
- एमसीडी चुनावों के रुझानों से साफ, दिल्ली में फिर से बीजेपी की सत्ता
- आम आदमी पार्टी की हार पर सोशल मीडिया ने ली चुटकियां
- ट्विटर बोला, 'दिल्ली में बारिश हुई, कीचड़ हुआ इसलिए कमल खिला'
नई दिल्ली: दिल्ली एमसीडी के चुनावों में बीजेपी की 'जीत की हैट्रिक' की तैयारी है और सोशल मीडिया पर इसका खूब जश्न मनाया जा रहा है; लेकिन बीजेपी की जीत से ज्यादा सोशल मीडिया 'आप' की होती हार पर चुटकियां लेता दिखाई दिया. 2015 में दिल्ली चुनावों में आम आदमी पार्टी को मिली एतिहासिक जीत ने सबको चौंका दिया था. लेकिन सिर्फ ढाई सालों में सीएम केजरीवाल और आम आदमी पार्टी से उठे लोगों के विश्वास ने इन एमसीडी चुनावों में स्थिति को बदल कर रख दिया. अक्सर चुनावों में सत्तारूढ़ पार्टी के विरोध में 'बदलाव' की लहर देखने को मिलती है, लेकिन पिछले 10 सालों से एमसीडी में सत्ता पर काबिज बीजेपी को फिर से चुनकर लोगों ने 'आप' के विरुद्ध अपना जनमत साफ कर दिया है.
जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, चुनावी नतीजे साफ होते गए और इसके साथ ही सोशल मीडिया पर 'आप' की हार पर चुटकियां ली जाने लगीं. ट्विटर पर #आप_साफ हैशटैग ट्रैंड करने लगा और लोगों चुनाव के दौरान केजरीवाल द्वारा 'चुकनगूनिया और डेंगू या उन्हें' चुनने के बायान पर कई ट्वीट किए गए.
लोगों ने सोशल मीडिया पर 'आप' के रवैये को भी उनकी हार के लिए जिम्मेदार ठहराया.
इस दौरान कई लोगों ने ईवीएम की गड़बड़ियों और कांग्रेस पर भी चुटकियां लीं.
अभी तक के रुझान साफ बता रहे हैं कि पार्टी निगम चुनाव में हैट्रिक मारने जा रही है. वहीं दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को इस चुनाव से करारा झटका लगा है. उधर, कांग्रेस पार्टी भी कुछ बेहतर प्रदर्शन करते हुए दिखाई दे रही है. विधानसभा चुनावों के परिणाम के हिसाब से राजनीतिक विश्लेषक यही कह रहे हैं जबकि यह चुनाव स्थानीय निकाय चुनाव हैं.35 जगहों पर वोटों की गिनती की जा रही है.
वहीं दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि बीजेपी में परिवारवाद नहीं है. हमने किसी के परिवार यानी पति पत्नी, बेटा बेटी को टिकट नहीं दिया है.