यह ख़बर 10 जनवरी, 2011 को प्रकाशित हुई थी

मेघालय-असम सीमा पर हिंसा में दो मरे

खास बातें

  • मेघालय और असम के सीमावर्ती इलाकों में दो जनजातीय समुदायों के बीच फिर से हिंसा भड़कने से दो लोगों की मौत हो गई और 12 घायल हो गए।
शिलांग:

मेघालय और असम के सीमावर्ती इलाकों में दो जनजातीय समुदायों के बीच फिर से हिंसा भड़कने से दो लोगों की मौत हो गई और 12 घायल हो गए। अधिकारियों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि रविवार रात को मेघालय के हिसा प्रभावित क्षेत्रों में कई मकानों और आपूर्ति के लिए जा रहे ट्रकों को आग के हवाले कर दिया गया। केंद्र सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव शम्बू सिंह को स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रभावित इलाकों में भेजा है। तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए दोनों राज्यों की सीमाओं पर सेना को तैनात कर दिया गया है। मेघालय के गृहमंत्री एचडीआर लिंगदोह ने बताया, "मेघालय-असम सीमा पर रविवार रात की हिंसा के बाद तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।" उन्होंने बताया कि मेघालय के रेसूब्लीपारा इलाके में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। उल्लेखनीय है कि रविवार रात की हिंसा में दो लोगों के मारे जाने के बाद अब तक हिंसा में मरने वालों की संख्या 10 तक पहुंच गई है। गारो और राभा जनजातीय समुदायों के बीच हिसा की वजह से दोनों राज्योंे में करीब 300 मकानों को आग लगा दी गई और लगभग 40,000 लोग विस्थापित हुए हैं। उधर, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने रविवार को राभा सुरक्षा बल (आरएसएफ) के चार विद्रोहियों को गिरफ्तार किया। उनके पास से 12 बोर की एक राइफल, देसी पिस्तौल, खुखरी, तीर-धुनष के अलावा मोबाइल फोन और देसी बम बरामद किये गए। उनके पासे 300 मिलीलीटर किरोसिन तेल भी बरामद किया गया। पुलिस के मुताबिक चारों विद्रोहियों की पहचान काशीराम राभा, गंगाधर राभा, धनंजय राभा और अनीराज राभा के तौर पर की गई है। सभी असम के अगिया गांव के रहने वाले हैं और वे मेघालय के गारो समुदाय वाले गांवों में हमले की साजिश रच रहे थे। 


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