मेघालय: एक महीने के बचाव कार्य के बाद नेवी गोताखोरों को मिला पहला शव, अवैध खान में फंसे हैं 15 मजदूर

बताया जा रहा है कि मजदूर का शव खदान में करीब 210 फीट गहराई फर दिखा है.

खास बातें

  • एक महीने से फंसे हैं 15 मजदूर
  • नेवी गोताखोरों को मिला पहला शव
  • एक महीने से जारी है बचाव कार्य
नई दिल्ली:

मेघालय की अवैध खदान (Meghalaya Mine) में फंसे 15 मजदूरों में से एक मजदूर का शव नेवी गोताखोरों (Navy Divers) को मिल गया है. नौसेना के जवानों के एक दल ने मेघालय की पूर्वी जयंतिया हिल्स में एक कोयला खदान में एक खनिक का शव गुरुवार को बरामद कर लिया. नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि शव को ‘रेट होल' खदान के मुहाने तक लाया गया. बाकी फंसे 14 मजदूरों की खोज में बचाव कार्य जारी है. अधिकारियों ने बताया कि खदान के भीतर शव दिखने के बाद नौसेना के गोताखोर इसे इसके मुहाने तक लाए.

ये मजदूर मेघालय के ईस्ट जयंतिया हिल्स जिले में एक अवैध रैटहोल खदान में अचानक पानी भर जाने से फंस गए थे. अब तक के बचाव संबंधी प्रयासों के लगातार विफल होने के बाद यह उम्मीद बेहद कम हो गई थी कि इन खनिकों को सही सलामत बाहर निकाला जा सकेगा. खदानों में अपने काम के लिये महारत रखने वाले वैज्ञानिकों की एक शीर्ष टीम बचाव अभियान में लगी हुई है. इस बचाव अभियान को देश का सबसे लंबा चलने वाला बचाव अभियान बताया जा रहा है. 

हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (एनजीआईआर-सीएसआईआर) और ग्रैविटी एंड मैग्नेटिक ग्रुप के विशेषज्ञों की एक टीम भी बचाव कार्य में लगी हुई है. रविवार तक 370 फुट गहरी खदान से एक करोड़ लीटर पानी निकाला जा चुका था. इसके अलावा पास ही में मौजूद अन्य खदानों से भी दो करोड़ लीटर पानी निकाला जा चुका है क्योंकि आशंका थी कि ये खदानें आपस में जुड़ी हुई हैं. हालांकि, बचावकर्मी इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं कि पानी कैसे और कहां से आ रहा है.

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बचाव अभियान में कई सरकारी एजेंसियों के करीब 200 कर्मी लगे हुए हैं, जिसमें नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के अलावा कोल इंडिया और किर्लोस्कर ब्रदर्स लि के कर्मी शामिल हैं. बचाव अभियानों की निगरानी कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने बचाव एजेसियों को खनिकों को जीवित या मृत बाहर निकालने का निर्देश दिया है.

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