#MeToo: एमजे अकबर पर मोदी सरकार में खामोशी के बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कही यह बात...

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि महिलाएं काम पर इसलिए नहीं जाती कि वहां उनका उत्पीड़न हो, बल्कि वे अपने सपनों को जीने और सम्मानजनक जीवन जीने के लिए काम पर जाती हैं.

#MeToo: एमजे अकबर पर मोदी सरकार में खामोशी के बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कही यह बात...

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी.

खास बातें

  • 'संबंधित व्यक्ति का ख़ुद बोलना बेहतर'
  • 'संबंधित व्यक्ति का ख़ुद बोलना बेहतर'
  • 'न्याय पाने के कई तरीके मौजूद हैं'
नई दिल्ली:

भारत में जारी 'मी टू' (#MeToo) अभियान ने ऐसी तूल पकड़ी कि इसकी जद में बड़े-बड़े नाम सामने आ रहे हैं. #MeToo कैंपने के तहत पत्रकार रह चुके केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर (MJ Akbar) भी यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं. अपने समय के मशहूर संपादक व वर्तमान में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. जिसे लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है और कांग्रेस एमजे अकबर के इस्तीफे की मांग कर रही है. उधर, इस बारे में जब विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज से सवाल पूछा गया तो उन्होंने उसका कोई जवाब नहीं दिया था. न ही अभी तक इस मुद्दे में किसी केंद्रीय मंत्री की तरफ से कोई बयान या आया है. इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस पर बयान दिया है. 
 


केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि इस मुद्दे पर संबंधित व्यक्ति का ख़ुद बोलना ही बेहतर होगा, क्योंकि मैं उस समय वहां मौजूद नहीं थी तो इसपर कुछ नहीं कह सकती. उन्हें खुद बयान जारी करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं मीडिया कि सराहना करती हूं कि वे अपनी महिला सहकर्मियों के साथ खड़ा है.

उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए अपनी बात रखना काफी मुश्किल होता है. अपनी बात कहने वालों का मज़ाक न उड़ाएं. उन्होंने कहा कि न्याय पाने के कई तरीके मौजूद हैं. स्मृति ईरानी ने कहा कि महिलाएं काम पर इसलिए नहीं जाती कि वहां उनका उत्पीड़न हो, बल्कि वे अपने सपनों को जीने और सम्मानजनक जीवन जीने के लिए काम पर जाती हैं. मुझे उम्मीद है कि जिन महिलाओं ने आवाज उठाई है उन्हें न्याय मिलेगा और यह उनका हक है. 
 
उधर, सरकारी सूत्र इस मुद्दे पर खुद एमजे अकबर के बयान का इंतजार कर रहे हैं. मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि सरकार पर इस्तीफे का दवाब बढ़ रहा है और सरकार एमजे अकबर से इस्तीफे की मांग कर सकती है. मगर सरकार के टॉप सूत्रों ने ऐसी खबरों को सिरे से खारिज किया है. सरकार के टॉप सूत्रों का कहना है कि एमजे अकबर के इस्तीफे को लेकर जितने भी खबरें हैं, सभी काल्पनिक हैं. 

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सरकारी सूत्रों ने इस्तीफे की बात खारिज की:
नौ महिला पत्रकारों के साथ यौन दुर्व्यवहार के आरोपों से घिरे विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर इस्तीफ़े के दबाव की ख़बर को केंद्र सरकार के शीर्ष सूत्रों ने ख़ारिज कर दिया है.. NDTV से सूत्रों ने कहा कि ये महज़ अटकल है. विदेश दौरे से लौटने के बाद उनका पक्ष सुना जाएगा. उन्हें ख़ुद इस पर फ़ैसला लेना चाहिए. फ़िलहाल ऐसे कोई संकेत नहीं है कि उन्हें अपना दौरा छोटा कर जल्द भारत लौटने को कहा गया है. बता दें कि ऐसी खबरे हैं कि एमजे अकबर बीच में ही विदेश यात्रा से भारत लौट सकते हैं.
 
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विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर अभी नाइजीरिया में हैं. 

कांग्रेस ने की अकबर के इस्तीफे की मांग
इससे पहले कांग्रेस ने भी एमजे अकबर के मामले में न सिर्फ कांग्रेस ने मामले की जांच की मांग की है, बल्कि उनके इस्तीफे की भी मांग की है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयपाल रेड्डी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि एमजे अकबर खुद आकर मामले पर सफाई दें या फिर इस्तीफा दें. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए. 

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प्रियंका चतुर्वेदी ने सुषमा की चुप्पी पर उठाए सवाल
वहीं, कांग्रेस की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने सुषमा स्वराज की चुप्पी पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि आखिर अपने मंत्री पर सुषमा स्वराज चुप क्यों हैं? उदित राज पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है बीजेपी. बता दें कि अपने समय के मशहूर संपादक व वर्तमान में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम.जे.अकबर पर दो महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. एक महिला पत्रकार द्वारा विदेश राज्य मंत्री एम.जे.अकबर पर आरोप लगाने के एक दिन बाद, उनकी एक और पूर्व सहयोगी  ने भी उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए.

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सुषमा स्वराज ने नहीं दिया कोई जवाब
इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मंगलवार को पूछा गया था कि क्या उनकी सरकार केंद्रीय मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी, लेकिन उन्होंने सवाल को टाल दिया था. देश में ‘मी टू’ अभियान तेज हो गया है, मनोरंजन और मीडिया जगत से जुड़ी कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न की आपबीती साझा की है. 

महिला पत्रकारों ने लगाया है यौन उत्पीड़न के आरोप:
करीब 9 महिला पत्रकारों ने विस्तार से लिखा है कि किस तरह केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने संपादक रहते हुए अपने पद का बेजा इस्तेमाल करते हुए उनके साथ यौन दुर्व्यवहार किया. कुछ पत्रकारों ने बताया कि अकबर ने अपने केबिन में बुला कर कई बार उनके साथ दुर्व्यवहार किया. इसी तरह उनके होटलों में बुला कर पत्रकारों का नौकरी के लिए इंटरव्यू करना और उनसे अश्लील बातें करने के आरोप भी लगाए गए हैं.

VIDEO: एमजे अकबर पर सरकार की चुप्पी पर सवाल


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