केंद्रीय मंत्री पॉन राधाकृष्णन (फाइल फोटो)
करूर: भारत में #MeToo मुहिम जारी है और हर दिन कोई न कोई बड़ा नाम इससे जुड़ रहा है. फिल्म इंडस्ट्री और मीडिया से जुड़े कई नाम सामने आ चुके हैं जिनपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं. बुधवार को ही विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर इस्तीफा दे दिया. अब उनके इस्तीफे को लेकर मोदी सरकार के एक मंत्री ने विवादित बयान दिया है. केंद्रीय मंत्री पॉन राधाकृष्णन ने कहा कि ‘विकृत मानसिकता वाले लोगों' ने #MeToo मुहिम शुरू की है. उन्होंने यह सवाल भी किया कि सालों पहले हुई घटनाओं पर अब आरोप लगाना कहां तक उचित है. भाजपा नेता ने बुधवार को पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में यह बयान दिया.
केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देने को मजबूर हुए एम जे अकबर सहित कई नामी-गिरामी हस्तियां #MeToo मुहिम के लपेटे में आई हैं. उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं. राजनीति में कदम रखने से पहले कई अखबारों के संपादक रह चुके अकबर पर कई महिला पत्रकारों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे, जिसके बाद बुधवार को उन्हें केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. केंद्रीय जहाजरानी एवं वित्त राज्य मंत्री राधाकृष्णन ने कहा, ‘‘यदि कोई आरोप लगाता है कि ऐसी चीज हुई... जब घटना हुई उस वक्त हम पांचवीं कक्षा में एक साथ खेल रहे थे... तो क्या यह उचित होगा?''
उन्होंने कहा, ‘‘यह (#MeToo) विकृत मानसिकता वाले कुछ लोगों के बर्ताव का नतीजा है.'' राधाकृष्णन ने कहा कि #MeToo मुहिम ने देश और महिलाओं की छवि खराब की है. उन्होंने सवाल किया कि क्या पुरुषों के लिए ऐसे ही आरोप लगाना सही रहेगा. उन्होंने कहा, ‘‘वह तो बड़ा अपमान होगा...क्या यह स्वीकार्य होगा?''
#MeToo मुहिम के तहत अभिनेता नाना पाटेकर, आलोक नाथ, फिल्मकार सुभाष घई, लेखक चेतन भगत, गायक कैलाश खेर और तमिल गीतकार वैरामुथु सहित कई हस्तियों पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं.
VIDEO: यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिरे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर का इस्तीफा(इनपुट भाषा से...)