ममता बनर्जी के धरने में शामिल 5 अफसरों पर कार्रवाई शुरू, मेडल भी लिए जा सकते हैं वापस: सूत्र

गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के धरने में शामिल 5 अफ़सरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू कर दी है.

खास बातें

  • गृह मंत्रालय ने शुरू की कार्रवाई: सूत्र
  • मेडल भी वापस लिए जा सकते हैं:सूत्र
  • धरना-प्रदर्शन में शामिल होने से नाराज़
नई दिल्ली:

गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के धरने में शामिल 5 अफ़सरों के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार (Rajeev Kumar) समेत इन सभी अफ़सरों के मेडल भी वापस लिए जा सकते हैं. गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, केंद्र भी दोषी अधिकारियों के नाम एम्पैनल्ड लिस्ट से काट सकता है, और एक निश्चित अवधि तक उनके केंद्रीय सेवा में आने पर रोक लगा सकता है. गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल सरकार से विरोध प्रदर्शन करने वाले पांच पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने को कहा है. 

इसके साथ-साथ केंद्र सरकार इन अधिकारियों को निश्चित समय के लिए केंद्रीय स्तर पर सेवा देने से भी रोक सकती है. सूत्रों ने अनुसार जिन अधिकारियों पर कार्रवाई होगी उनमें पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विनीत कुमार गोयल, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अनुज शर्मा, पुलिस आयुक्त (बिधाननगर आयुक्तालय) ज्ञानवंत सिंह और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त सुप्रतीम अंधरा शामिल हैं. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि पुलिस अधिकारियों से उम्मीद की जाती है कि वह तटस्थ बने रहें, लेकिन धरने में शामिल होकर उन्होंने राजनीतिक रुख अपनाया है. हालांकि बंगाल सरकार आदेश का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है, लेकिन यह केवल राज्य और केंद्र सरकार के बीच तनाव को और बढ़ाएगा. 

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क्या है मामला?

बता दें कि सारदा चिट फंड घोटाले (Saradha Chit Fund Scam) की जांच के लिए सीबीआई ने बीते रविवार को जैसे ही कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार (Rajeev Kumar) के घर पर छापेमारी की कोशिश की, वैसे ही हंगामा मच गया. सीबीआई की टीम को कोलकाता पुलिस ने  बाहर ही रोक दिया, जिसके बाद दोनों के बीच हाथापाई की खबर भी सामने आई. इस दौरान कोलकाता पुलिस ने सीबीआई के पांच अधिकारियों को हिरासत में ले लिया. जब इसकी भनक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को लगी तो वो फौरन राजीव कुमार (Rajeev Kumar) के घर पहुंच गईं और उन्हें बचाने के लिए खुलकर मैदान में आ गईं.

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ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कोलकाता के मेट्रो चैनल इलाके में धरने पर बैठ गईं और प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला किया. रविवार से शुरू हुआ ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) का धरना मंगलवार को जाकर खत्म हुआ, लेकिन उन्होंने मोदी सरकार के खात्मे तक जंग जारी रखने की कसम खाई. ममता बनर्जी को इस दौरान विपक्षी दलों का भरपूर समर्थन मिला. इस घटना के बाद राजीव कुमार (Rajeev Kumar) सुर्खियों में आ गए. ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि राजीव कमार हैं कौन, जिसके लिए सीएम ममता बनर्जी केंद्र से लोहा लेने में भी पीछे नहीं हटीं...

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क्या है सारदा चिटफंड मामले की कहानी?
कोलकाता पुलिस प्रमुख से पूछताछ की सीबीआई की नाकाम कोशिश के बाद जो राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला, उसका संबंध दो कथित पोंजी घोटालों से है. इसकी कहानी सारदा समूह और रोज वैली समूह से जुड़ा हुआ है. इसका पता 2013 में चला था. दरअसल इन दोनों कंपनियों ने लाखों निवेशकों से दशकों तक हजारों करोड़ रुपये वसूले और बदले में उन्हें बड़ी रकम की वापसी का वादा किया गया लेकिन जब धन लौटाने की बारी आई तो भुगतान में खामियां होने लगी. जिसका असर राजनीतिक गलियारे तक देखने को मिला. धन जमा करने वाली योजनाएं कथित तौर पर बिना किसी नियामक से मंजूरी के 2000 से पश्चिम बंगाल और अन्य पड़ोसी राज्यों में चल रही थी. लोगों के बीच यह योजना 'चिटफंड' के नाम से मशहूर थी. इस योजना के जरिए लाखों निवेशकों से हजारों करोड़ रुपये जमा किए गए.

 

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