कांग्रेस में इस्तीफों का दौर जारी, अब मिलिंद देवड़ा ने छोड़ा मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष पद

देवड़ा (Milind Deora) को लोकसभा चुनाव से एक महीने पहले मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था. ऐसे में उन्हें चुनाव की तैयारी करने के लिए कम ही समय मिला था.

खास बातें

  • कांग्रेस में नेताओं का पदों से इस्तीफे का दौर जारी
  • मिलिंद देवड़ा ने छोड़ा मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष का पद
  • चुनाव से एक महीने पहले ही मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए थे देवड़ा
मुंबई:

मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और साथ ही आगामी विधानसभा चुनावों तक शहर इकाई की देखरेख के लिए तीन वरिष्ठ नेताओं के सामूहिक नेतृत्व की सिफारिश की है. देवड़ा राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में सक्रिय होने के लिए दिल्ली आ सकते हैं. 26 जून को नई दिल्ली में राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से मुलाकात के बाद देवड़ा ने इस्तीफा देने की मंशा जाहिर की थी. देवड़ा के दफ्तर से जारी बयान में कहा गया है, 'इसके बारे में मल्लिकार्जुन खड़गे और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल को अवगत कराया गया है.' इस कदम को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के AICC के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद एकजुटता और सामूहिक जिम्मेदारी के तौर पर देखा जा रहा है. 

मुंबई अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बावजूद देवड़ा (Milind Deora) ने 4 जुलाई को राहुल गांधी की मुंबई यात्रा का आयोजन किया था. देवड़ा को लोकसभा चुनाव से एक महीने पहले मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया था. ऐसे में उन्हें चुनाव की तैयारी करने के लिए कम ही समय मिला था. 

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बता दें, राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे की औपचारिक घोषणा करने के एक दिन के बाद कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा देने के साथ रावत ने यह भी कहा था कि कांग्रेस को राहुल गांधी के नेतृत्व की जरूरत है और उनकी अगुवाई में ही पार्टी की स्थिति बदल सकती है. उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रावत असम के प्रभारी थे. लोकसभा चुनाव में हार के बाद नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने वाले वह दूसरे कांग्रेस महासचिव हैं. कुछ दिनों पहले कांग्रेस महासचिव एवं मध्य प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने इस्तीफा दिया था.

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अब कांग्रेस में कुल 11 महासचिव हैं जिनमें प्रियंका गांधी वाड्रा, केसी वेणुगोपाल, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, अंबिका सोनी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मोतीलाल वोरा (रिपीट वोरा), अविनाश पांडे, लुईजिनो फलेरियो, मुकुल वासनिक और ओमन चांडी शामिल हैं. 

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वहीं, राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे के औपचारिक ऐलान के बाद आगे के कदमों पर विचार करने के लिए अगले कुछ दिनों के भीतर पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक बुलाई जा सकती है. इस संदर्भ में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच विचार-विमर्श का दौर चल रहा है. सूत्रों के मुताबिक पार्टी के वरिष्ठ नेता, मुख्यमंत्री और कई पूर्व मुख्यमंत्री आपस में संपर्क में बने हुए हैं और जल्द ही सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई जा सकती है. एक सूत्र का कहना है कि संभव है कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में किसी वरिष्ठ नेता को अस्थायी अध्यक्ष चुना जाए और फिर नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए पक्रिया को आगे बढ़ाया जाए.

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नए अध्यक्ष के चुनाव तक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से किसी एक को अस्थायी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. इसके लिए अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड़गे, मोतीलाल वोरा और मुकुल वासनिक के नामों की चर्चा है, हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है. 

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