मिलेट्री डिप्लोमेसी : अमेरिका और जापान के अलावा सैन्य अभ्यास में चीन का भी साथ

मिलेट्री डिप्लोमेसी : अमेरिका और जापान के अलावा सैन्य अभ्यास में चीन का भी साथ

युद्ध अभ्यास के दृश्य।

नई दिल्ली:

इसे आप मिलेट्री डिप्लोमेसी कह सकते हैं। एक ही वक्त में भारत ने जहां चीन के साथ चीन में हैड इन हैंड अभ्यास किया वहीं दूसरी ओर अमेरिका और जापान के साथ मालाबार नौसैनिक अभ्यास किया। गौरतलब है कि चीन के धुर विरोधी हैं जापान और अमेरिका। भारत से उसके सबंध बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते। चीन को भारत का जापान और अमेरिका से साथ सैन्य अभ्यास करना हमेशा से खटकता रहा है।

भारतीय सेना के जापान,  अमेरिका और चीन के साथ किए गए युद्ध अभ्यासों के विभिन्न दृश्य।

सन 2007 के बाद पहली बार मालाबार अभ्यास में जापान को न्यौता भेजा गया। इस पर पहले की तरह चीन ने एतराज जताया।


अमेरिका के लिए यह कितना अहमियत रखता है कि उसने सीरिया और ईराक में आईएसआईएस के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाली अपनी भारी भरकम विमान वाहक पोत रुजवेल्ट भेजी। साथ में  एफ-18 समेत कई और जंगी जहाज। भारतीय नौसेना की ओर से भी  करीब आधा-दर्जन युद्धपोत और एक पनडुब्बी, ‘सिंधुध्वज’ इसमें शामिल हुई।

इनमें  रणविजय, शिवालिक, बेतवा जैसे  करीब आधा-दर्जन युद्धपोत और एक पनडुब्बी, ‘सिंधुध्वज’ इसमें शामिल हो रही है। किलो क्लास की पनडुब्बी पहली बार किसी अभ्यास में हिस्सा ले रही है। साथ ही पी- 8 आई निगरानी विमान भी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। वहीं जापान का एक युद्धपोत, ‘फुयोजुकी’ मालाबार-युद्धाभ्यास में भाग ले रहा है।

वही चीन में भारत और चीन की सेनाओं ने  काउंटर टेरिरिज्म और प्राकृतिक आपदा से निपटने के तरीकों पर मिलकर साझा अभ्यास किया। यह अभ्यास चीन के युनान प्रांत में कुनमिंग मिलेट्री एकेडमी में हुआ।  

युद्धाभ्यास के शुभारंभ समारोह में  दोनों सेनाओं के जवानों ने मार्शल आर्ट्स और योग क्रार्यक्रम का आयोजन किया। अभ्‍यास में जोर बाधाओं से निपटने, विशेष हेलीबोर्न ऑपरेशन, विभिन्‍न हथियारों को चलाने, विस्‍फोटक सामग्री के प्रबंधन तथा विद्रोही और आतंकवादी गतिविधियों में घेरो और तलाशी कार्रवाई पर केन्द्रित रहा।

अभ्यास का मकसद दोनों देशों की सेनाओं के बीच विश्‍वास बढ़ाना है।
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