रक्षा मंत्रालय में मुफ्त मिलती है लालफीताशाही : रक्षा राज्यमंत्री इंद्रजीत सिंह

रक्षा मंत्रालय में मुफ्त मिलती है लालफीताशाही : रक्षा राज्यमंत्री इंद्रजीत सिंह

रक्षा राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

रक्षा राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने मंगलवार को अपने मंत्रालय में लालफीताशाही को लेकर एक बड़ा बयान दिया, और कहा कि नौकरशाही खुद को बचाकर रखना चाहती है तथा रक्षा मंत्रालय में तो लालफीताशाही मुफ्त मिलती है।

नौकरशाही खुद को बचाकर रखती है : राव इंद्रजीत सिंह
रक्षा राज्यमंत्री मंगलवार को राजधानी में वायुसेना और सीआईआई के एक साझा सेमिनार में बोल रहे थे। इस दौरान रक्षा उत्पादन और सशस्त्र सेनाओं के आधुनिकीकरण में हो रही देरी को लेकर उन्होंने कहा कि हमारे देश में नौकरशाही खुद को बचाकर रखती है। उन्होंने नौकरशाही के लिए अंग्रेज़ी के Cocoon शब्द का इस्तेमाल किया, जिसका अर्थ रेशम के कीड़े का खोल, या दुनिया से अलग-थलग रहना होता है। उन्होंने इस मौके पर यह तक कह डाला कि रक्षा मंत्रालय में तो लालफीताशाही मुफ्त मिलती है, जबकि सेमिनार में रक्षा मंत्रालय के कई बड़े अधिकारी मौजूद थे।

राव इंद्रजीत सिंह ने हालांकि कहा कि नई रक्षा अधिग्रहण नीति (Defence Procurement Policy 2016) में इस बात का खास ध्यान रखा गया है कि नौकरशाही फाइल पर कलम चलाने से न कतराए और उन्हें इसका खामियाजा भी न भुगतना पड़े।

वायुसेना प्रमुख ने पिछले 70 साल की नीतियों को कोसा...
इस मौके पर बोलते हुए वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल अरूप राहा ने पिछले 70 साल की नीतियों को कोसते हुए कहा कि रक्षा क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर को शामिल न करने से हमें विदेशी हथियारों और मशीनरी पर निर्भर रहना पड़ा, जिसके चलते हमें 'सामरिक आज़ादी' नहीं मिल पाई।

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वायुसेनाधिकारियों का कहना है कि इसी लालफीताशाही की वजह से वायुसेना के लिए 126 लड़ाकू विमान खरीदे जाने की प्रक्रिया वर्ष 2001 में शुरू होने के बावजूद अभी तक एक भी लड़ाकू विमान नहीं खरीदा जा सका है। बाद में नई सरकार आने पर तो प्रक्रिया ही रद्द कर दी गई। अब एक साल पहले फैसला किया गया है कि फ्रांस से वायुसेना के लिए 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदे जाएंगे, लेकिन यह तय कर लिए जाने के बावजूद अंतिम फैसला अभी तक नहीं लिया जा सका है।