खास बातें
- औपचारिक तौर पर डीएमके के सर्वेसर्वा बन गए हैं
- पार्टी की जनरल काउंसिल बैठक में उन्हें अध्यक्ष चुन लिया गया
- ये पद उनके पिता एम करुणानिधि के निधन से खाली हुआ था
नई दिल्ली: करुणानिधि के छोटे बेटे एमके स्टालिन आज से औपचारिक तौर पर डीएमके के सर्वेसर्वा बन गए हैं. पार्टी की जनरल काउंसिल बैठक में उन्हें अध्यक्ष चुन लिया गया. ये पद उनके पिता एम करुणानिधि के निधन से खाली हुआ था. करुणानिधि निधन के पहले ही उन्हें अपना वारिस घोषित कर चुके थे. पार्टी की आम सभा की बैठक में डीएमके के महासचिव के. अंबाजगन ने कहा कि स्टालिन को निर्विरोध चुन लिया गया है. पार्टी प्रमुख के पद के लिए 26 अगस्त को नामांकन भरने वाले वह एकमात्र उम्मीदवार थे. पार्टी अध्यक्ष और पिता एम. करूणानिधि की मृत्यु के तीन सप्ताह बाद 65 वर्षीय स्टालिन को द्रमुक प्रमुख चुना गया है. करूणानिधि का सात अगस्त को निधन हो गया था.
स्टालिन को डीएमके का अध्यक्ष चुने जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बधाई दी है. मैं उनकी खुशी और सफलता की कामना करता हूं क्योंकि वह अपनी राजनीतिक यात्रा में एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं.
हालांकि स्टालिन के बड़े भाई और डीएमके से निष्कासित नेता एम.के. अलागिरी ने धमकी दी थी कि यदि उन्हें पार्टी में वापस नहीं लिया गया तो इसके अंजाम सही नहीं होंगे. द्रमुक के प्रधान सचिव दुरई मुरूगन को पार्टी का नया कोषाध्यक्ष चुना गया है. वह स्टालिन की जगह लेंगे, जिनके अध्यक्ष बनने के कारण पार्टी कोषाध्यक्ष का पद रिक्त हो गया है