यह ख़बर 03 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

मोदी के अनुच्छेद 370 वाले बयान पर बहस हुई तेज

नई दिल्ली:

नरेंद्र मोदी की ओर से संविधान के अनुच्छेद 370 पर बहस का आह्वान किए जाने को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।

भाजपा पर दूसरे दलों ने ‘सांप्रदायिक तनाव’ फैलाने का आरोप लगाया है तो इस पार्टी ने कहा कि संविधान कोई ‘पवित्र ग्रंथ’ नहीं है कि जिसकी समीक्षा नहीं की जा सकती है।

जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे पर बहस के आह्वान के लिए भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री फारुक अब्दुल्ला ने कहा है कि मोदी 10 बार भी प्रधानमंत्री बन जाएं तो वह संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त नहीं कर पाएंगे।

फारुक ने बीती रात कहा ‘अगर मोदी 10 बार भी प्रधानमंत्री बन जाएं तो भी वह अनुच्छेद 370 को रद्द नहीं कर पाएंगे। आप चर्चा की बात करते हैं, भाजपा चर्चा में हिस्सा ही नहीं लेती।’ पाकिस्तान द्वारा बार-बार कश्मीर मुद्दा उठाने के बारे में उन्होंने कहा ‘आप (पाकिस्तान) कश्मीर नहीं जीत सकते। यह मैं अपने खून से लिखकर दे सकता हूं।’

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मोदी के बयान पर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री की टिप्पणी की तीखी आलोचना करते हुए भाजपा ने कहा कि दूसरों पर उंगली उठाने की बजाय उमर अब्दुल्ला राज्य की जनता को बताएं कि उन्हें अधिकारों से क्यों वंचित रखा गया है।