मोदी सरकार का भ्रष्टाचार पर वार: सरकारी कर्मचारियों के कामकाज की होगी समीक्षा, छिन सकती है नौकरी

केंद्र ने भ्रष्ट एवं नकारा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए बैंकों, सार्वजनिक उपक्रमों एवं सभी विभागों से अपने कर्मियों के सेवा रिकार्ड की समीक्षा करने को कहा है.

मोदी सरकार का भ्रष्टाचार पर वार: सरकारी कर्मचारियों के कामकाज की होगी समीक्षा, छिन सकती है नौकरी

मोदी सरकार ने कर्मियों के सेवा रिकार्ड की समीक्षा करने को कहा है.

खास बातें

  • भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सरकार का कदम
  • सभी कर्मचारियों के कामकाज की होगी समीक्षा
  • गड़बड़ी मिलने पर किया जाएगा जबरन रिटायर
नई दिल्ली :

मोदी सरकार भ्रष्टाचारियों पर लगाम लगाने के लिए सख़्ती के मूड में है. पिछले दिनों टैक्स डिपार्टमेंट के 25 से ज्यादा वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर करने के बाद अब केंद्र ने भ्रष्ट एवं नकारा कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाने के लिए बैंकों, सार्वजनिक उपक्रमों एवं सभी विभागों से अपने कर्मियों के सेवा रिकार्ड की समीक्षा करने को कहा है. कार्मिक मंत्रालय ने केंद्र सरकार के सभी विभागों से प्रत्येक श्रेणी के कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा ‘पूरे नियम कायदे' से करने के साथ यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी सरकारी कर्मचारी के खिलाफ जबरन सेवानिवृत्ति की कार्रवाई में मनमानी न हो. इसमें कहा गया है, ‘सभी मंत्रालयों व विभागों से आग्रह है कि वे सार्वजनिक उपक्रमों/बैंकों और स्वायत्त संस्थानों समेत अपने प्रशासनिक नियंत्रण में आने वाले विभागों के कर्मचारियों के कामकाज की ‘कायदे कानून और सही भावना' के अनुसार समीक्षा करें'.  

मोदी सरकार का भ्रष्टाचार पर वार, 15 और वरिष्ठ अधिकारियों को किया जबरन रिटायर

कार्मिक मंत्रालय ने कहा कि मंत्रालयों या विभागों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एक सरकारी कर्मचारी को जनहित में समय से पहले सेवानिवृत्त करने जैसी निर्धारित प्रक्रिया का कड़ाई से पालन हो और ऐसा निर्णय मनमाना नहीं हो. निर्देश के अनुसार सभी सरकारी संगठनों को प्रत्येक महीने की 15 तारीख को निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट देने को कहा गया है. इसकी शुरूआत 15 जुलाई 2019 से होगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मूल नियम 56 (जे), (आई) और केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम 1972 के नियम 48 के तहत जारी कार्मिक मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अंतर्गत बैंकों, सार्वजनिक उपक्रमों और केंद्र सरकार के विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों का सेवा रिकार्ड की समीक्षा की जाएगी. ये नियम सरकार को जनहित में उस सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्त करने की अनुमति देता है जिसकी ईमानदारी संदेहास्पद है और जो काम के मामले में कच्चे हैं.  

मोदी सरकार का करप्शन पर वार, भ्रष्टाचार-कदाचार के आरोप में 12 आयकर अधिकारी जबरन रिटायर: सूत्र

27 अधिकारियों को सरकार कर चुकी है जबरन रिटायर  
केंद्र सरकार ने हाल ही में जनहित में सीमा शुल्क और केंद्रीय उत्पाद विभाग के 15 अधिकारियों को समय से पहले सेवानिवृत्त कर चुकी हैय इससे पहले इस महीने की शुरूआत में भारतीय राजस्व सेवा (आयकर) के 12 अधिकारियों को भी सेवा से बर्खास्त किया गया था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए बृहस्पतिवार को कहा था कि सार्वजनिक जीवन और सरकारी सेवाओं से भ्रष्टाचार को हटाने का अभियान चलाया जाएगा. (इनपुट-भाषा)

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