हंगामे की भेंट चढ़ा मॉनसून सत्र, NDA सांसद करेंगे 'लोकतंत्र बचाओ' मार्च

हंगामे की भेंट चढ़ा मॉनसून सत्र, NDA सांसद करेंगे 'लोकतंत्र बचाओ' मार्च

लोकसभा में अरुण जेटली

नई दिल्ली:

संसद के मॉनसून सत्र का समापन आखिरकार हो गया, और गुरुवार को दोनों सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिए गए। यह पूरा सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया, और जीएसटी समेत कोई भी महत्वपूर्ण बिल पास नहीं हो पाया।

मॉनसूत्र सत्र को बाधित करने के विरोध में आज एनडीए सांसद विजय चौक से संसद तक 'लोकतंत्र बचाओ' मार्च कर रहे हैं। इस मार्च में केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं।

वहीं ललित मोदी प्रकरण, व्यापमं मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से स्पष्टीकरण देने की मांग करते हुए आज कांग्रेस, वामदल, तृणमूल कांग्रेस, सपा, राजद, जदयू सदस्यों ने लोकसभा से वॉकआउट किया।

आर्थिक सुधारों के लिए ज़रूरी माने जा रहे जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर बिल को राज्यसभा में पेश तो किया गया, लेकिन कांग्रेस के ज़बरदस्त हंगामे के चलते इस पर चर्चा तक नहीं हो सकी।

जीएसटी पास न होने से बढ़ेगी सरकार की मुश्किल
सरकार के मुताबिक, जीएसटी के इस सत्र में पास न होने की वजह से इसे अगले साल लागू करने में और देरी होगी। 21 जुलाई से शुरू हुए इस सत्र के पहले दिन से ही कांग्रेस विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफ़े की मांग पर अड़ी है।

विपक्ष का आरोप है कि सुषमा स्वराज और वसुंधरा ने कथित तौर पर ललित मोदी की मदद की। इसी हंगामे के चलते संसद की कार्रवाई के करीब 141 घंटे बेकार गए और जनता के 25 करोड़ रुपये भी।

सुषमा ने दिया विपक्ष का जवाब
लोकसभा में ललित गेट पर चर्चा के दौरान सुषमा स्‍वराज ने विपक्ष के भारी हंगामे के बीच आज अपनी बात रखी। उन्‍होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते कहा, मैंने छिपकर कोई अपराध नहीं किया। अपराध तो राजीव गांधी की सरकार ने किया, जिसने छुप-छुपकर एंडरसन और क्‍वात्रोकी को देश से भगाया। खुद कांग्रेस नेता अर्जुन सिंह ने इसका जिक्र किया था। सुषमा ने कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, एकांत में बैठकर राहुल गांधी अपने परिवार का इतिहास पढें। वे अकेले में क्‍वात्रोकी से लेकर शहरयार तक के सारे कारनामे पढें और पूछे मम्‍मा, क्‍वात्रोकी को भगाने के लिए हमने उनसे कितना पैसा लिया था। वो 15 हजार लोगों के हत्‍यारे को भगाने की वजह अपनी मां (सोनिया गांधी) से पूछें।

सुषमा ने कहा, ललित मोदी को दस्‍तावेज देना मेरी विचारधारा में ही नहीं था। अगर ब्रिटिश सरकार ललित मोदी को वीजा दे देती है तो दोनों देशों के रिश्‍ते बेहतर होंगे, मेरा ध्‍यान केवल इस पर था। मेरे पति ललित मोदी के पासपोर्ट केस में वकील नहीं थे। इस केस में 11 वकील थे। मेरी बेटी नौंवे नंबर की सूची में थी। उसने एक रुपया भी एक केस में नहीं लिया। वह अपने सीनियर के साथ केस में पेश हुई थी। जहां तक मेरे गलती करने का सवाल किया जा रहा है तो पी. चिदंबरम के वित्‍त मंत्री होते हुए उनकी पत्‍नी नलिनी चिदंबरम को इंकम टैक्‍स की तरफ से वकील नियुक्‍त गया, यह गलती होती है।

सुषमा की सफाई पर राहुल का पलटवार
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष से यह कहे जाने पर कि वह अपनी 'मम्मा' से पूछे कि ओट्टावियो क्वात्रोकी से कितना पैसा मिला, के पटलवार में राहुल गांधी ने उनसे सवाल किया कि उन्हें और उनके परिवार को आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी की मदद करने के लिए कितना पैसा मिला।

ललित मोदी प्रकरण पर लोकसभा में लाए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल ने सुषमा से सीधे सवाल किया कि उन्होंने 'काले धन के प्रतीक ललित मोदी' की मदद क्यों की?

राहुल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी आड़े हाथ लेते हुए दावा किया कि 'ना खाउंगा, ना खाने दूंगा' की बात करने वाले प्रधानमंत्री मोदी में आज इतनी हिम्मत नहीं है कि वह सदन में आकर अपनी सीट पर बैठें। उन्होंने कहा कि गांधीजी के तीन बंदर 'बुरा मत देखो, बुरा मत बोलो और बुरा मत सुनो' के प्रतीक थे लेकिन मोदी जी का कहना है, 'सच मत देखो, सच मत सुनो और सच मत बोलो।'

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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पर अपने प्रहार जारी रखते हुए उन्होंने कहा, 'बहुत लोग मानवीय काम करते हैं, अस्पताल, स्कूल और अनाथालय बनवाते हैं लेकिन सुषमा जी पहली ऐसी मानवीय काम करने वाली हैं जो छुपकर यह काम करती हैं।'