यह ख़बर 20 जून, 2013 को प्रकाशित हुई थी

किन्नौर में अब भी फंसे हैं 400 से अधिक पर्यटक : वीरभद्र

खास बातें

  • हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि भूस्खलन से प्रभावित राज्य के किन्नौर जिले में अब भी 400 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं। उन्हें अगले दो दिन में बाहर निकाल लिया जाएगा।
शिमला:

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने गुरुवार को कहा कि भूस्खलन से प्रभावित राज्य के किन्नौर जिले में अब भी 400 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं। उन्हें अगले दो दिन में बाहर निकाल लिया जाएगा।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दो दिन के भीतर किन्नौर में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने किन्नौर की स्थिति का जायजा लेने के लिए मंडी शहर में सरकारी अधिकारियों की बैठक बुलाई। वह यहां 23 जून को होने वाले मंडी संसदीय उपचुनाव के सिलसिले में पहुंचे हुए हैं।

इस बीच, राज्य सरकार तथा भारतीय वायु सेना ने पिछले पांच दिन से फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए गुरुवार को राहत अभियान तेज कर दिया।

विशेष सचिव (राजस्व) अमनदीप गर्ग ने कहा, "सुबह 6.30 बजे से इस काम में तीन हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं।" उन्होंने कहा कि मौसम अब साफ हो गया है। गुरुवार को सांगला, पूह, काजा, नाको तथा रेकांग पियो से सर्वाधिक लोगों को बाहर निकाला गया।

वायु सेना ने जहां प्रभावितों की मदद के लिए दो हेलीकॉप्टर काम पर लगाए हैं, वहीं राज्य सरकार मुख्यमंत्री के आधिकारिक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर रही है।

राज्य सरकार ने बुधवार तक 279 पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला था, जिनमें से अधिकतर बीमार, वृद्ध व महिलाएं थीं।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, अधिकतर पर्यटक पश्चिम बंगाल तथा पंजाब से हैं, जो मुख्य रूप से सांगला घाटी तथा पूह में फंसे हुए हैं।

आधिकारिक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा है कि मूसलाधार बारिश, भूस्खलन तथा बर्फबारी से खास तौर पर किन्नौर के दूरदराज के क्षेत्र में भारी तबाही हुई है। यहां सबसे अधिक लोगों की जान जाने, सड़कों तथा संपत्ति को नुकसान की सूचना है।

बयान में कहा गया है कि शुरुआती रिपोर्ट के अनुसार, 300 से अधिक घर तबाह हुए हैं, हालांकि वास्तविक आंकड़े बढ़ सकते हैं। बागवानी तथा कृषि क्षेत्र में भी व्यापक नुकसान की खबरें हैं।

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मंडी में किन्नौर की स्थिति का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की दीपक परियोजना के मुख्य इंजीनियर ब्रिगेडियर एसके कटारिया ने उन्हें बताया कि पूरे किन्नौर में सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। उन्होंने कहा कि वांगटू तथा पूह के बीच क्षति के आकलन से मालूम होता है कि वांगटू तथा पोवारी के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 22 कई जगह टूट गई है।