हरियाणा में स्कूल, कॉलेज, दफ्तर से आते-जाते वक्त लड़कियों-महिलाओं से होती है 'सबसे ज्‍यादा छेड़छाड़'

पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा, 'राज्य में इस समस्या की प्रकृति और स्तर को आंकने के उद्देश्य से 2 मई से 17 मई के बीच एक ऑनलाइन सर्वेक्षण कराया गया था.

हरियाणा में स्कूल, कॉलेज, दफ्तर से आते-जाते वक्त लड़कियों-महिलाओं से होती है 'सबसे ज्‍यादा छेड़छाड़'

छेड़छाड़ की घटनाओं को लेकर हरियाणा पुलिस ने कराया पहला सर्वेक्षण. (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

चंडीगढ़:

छेड़छाड़ की घटनाओं को लेकर हरियाणा पुलिस द्वारा किए गए पहले सर्वेक्षण में पाया गया कि अधिकतर मामलों में ऐसी घटनाएं स्कूल, कॉलेज या दफ्तर से लड़कियों या महिलाओं के आते-जाते वक्त होती हैं.

पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा, 'राज्य में इस समस्या की प्रकृति और स्तर को आंकने के उद्देश्य से 2 मई से 17 मई के बीच एक ऑनलाइन सर्वेक्षण कराया गया था. इसका मकसद जमीनी स्तर से जुड़ी हुई एक कार्ययोजना तैयार करना भी था'. उन्होंने बताया कि राज्यभर से कुल 28,539 लोगों ने इस सर्वेक्षण में भाग लिया. इनमें से 14 वर्ष और उससे ज्यादा उम्र की युवतियों का आंकड़ा 40 फीसदी है. उन्होंने कहा, '2.5 करोड़ की आबादी के लिए लिया गया यह अब तक का सबसे बड़ा सैंपल साइज था. प्रतिभागियों से छेड़छाड़ के सभी पहलुओं से जुड़े कुल 16 सवाल पूछे गए थे. इस कवायद में सभी आयुवर्ग, लिंग और जिलों के लोगों ने हिस्सा लिया'.

सर्वेक्षण का हवाला देते हुए सिंह ने कहा, 'छेड़छाड़ एक अहम समस्या है और 10 में से आठ प्रतिभागियों में इसे लेकर किसी न किसी स्तर पर डर था. स्कूल, कॉलेज या काम के लिए जाना बड़ी मुश्किल है, क्योंकि 10 में से 6 छेड़छाड़ के मामले इसी दौरान हुए'. सिंह ने कहा, '10 में से 7 लोगों ने कहा कि ऐसी घटनायें बसों या ट्रेनों में सफर के दौरान हुईं. 10 में से 7 ने कहा कि छेड़छाड़ करने वाले सार्वजनिक परिवहन या बाइक का इस्तेमाल करते हैं. 10 में से 7 ने बताया कि दोषी समूहों में छेड़छाड़ को अंजाम देते हैं. स्कूल, कॉलेज, बाजार, पार्क और सार्वजनिक परिवहन ज्यादा प्रभावित जगहें हैं'.

सर्वेक्षण के मुताबिक यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें छेड़छाड़ का डर रहता है, 85.2 फीसदी प्रतिभागियों ने 'हां' में जवाब दिया, जबकि 24.4 ने कहा कि उन्हें 'हमेशा यह महसूस होता है', 38  फीसदी ने कहा 'अधिकतर समय', 23.4 फीसदी ने कहा 'कभी-कभार' और 14.2 फीसदी ने कहा कि उन्हें ऐसी घटनाओं का 'कभी डर नहीं' महसूस हुआ.

सर्वे में शामिल 64.5 फीसदी लोगों ने कहा कि छेड़छाड़ की घटनाएं स्कूल, कॉलेज या दफ्तर आने-जाने के दौरान हुईं, जबकि 22.2 फीसदी ने कहा कि उन्हें शाम को पार्कों, बाजारों या कोचिंग सेंटरों में इसका सामना करना पड़ा. सर्वेक्षण के मुताबिक, 32.8 फीसदी ने कहा कि उन्हें स्कूलों और कॉलेजों में इसे लेकर सबसे ज्यादा डर लगा, जबकि 26.7 फीसदी ने बाजार में छेड़छाड़ का डर जताया. 19.9 फीसदी ने सार्वजनिक परिवहन, 16.5 फीसदी ने पार्कों में जबकि 4.1 ने कार्यस्थल पर इसका डर जताया.

(इनपुट भाषा से)


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