सीएम शिवराज सिंह ने कोरोना के खिलाफ जुटे स्वास्थ्य कर्मियों से किया गया वादा पूरा नहीं किया

Coronavirus: कोरोना वायरस से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10 हजार रुपये के अतिरिक्त मानदेय का ऐलान किया था, तीन माह गुजरने पर भी नहीं मिले पैसे

सीएम शिवराज सिंह ने कोरोना के खिलाफ जुटे स्वास्थ्य कर्मियों से किया गया वादा पूरा नहीं किया

मध्यप्रदेश में कोरोना वॉरियर्स को सीएम शिवराज सिंह ने वादे के मुताबिक 10 हजार रुपये का अतिरिक्त मानदेय नहीं दिया.

भोपाल:

MP Coronavirus: मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 10 हजार रुपये के अतिरिक्त मानदेय का ऐलान किया था लेकिन तीन महीने बीत जाने के बावजूद स्वास्थ्य कर्मियों का आरोप है कि उन्हें पैसे नहीं मिले.

डॉ आलोक शुक्ला शाजापुर जिले में मेडिकल ऑफिसर हैं.  वे तीन महीने से कोरोना के मरीज़ों को ही देख रहे हैं, लेकिन निराश हैं कि सरकार ने कोरोना वॉरियर्स को 10000 रुपये सेवा राशि देने का वायदा पूरा नहीं किया. उन्होंने कहा कि ''अभी तक हम लोगों और हमारे साथी डॉक्टरों को कुछ अतिरिक्त नहीं मिला है. इतनी कठिनाई में हम काम कर रहे हैं, खतरा रहता है. हमारे कई साथी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. सरकार ऐसी घोषणा करती है, फिर पैसे नहीं मिलते हैं तो बड़ा दुख होता है.''

सेवा राशि तो एक तरफ, भोपाल के हमीदिया अस्पताल में पढ़ाई के साथ सेवा दे रहे इंटर्न डॉक्टरों का तो कहना है कि उन्हें अभी तक वजीफा भी नहीं मिला है. डॉ गौरव पटेल कहते हैं कि ''10000 रुपये तो अतिरिक्त देने की बात थी, हमारी तो सैलरी है तीन महीने की रुकी है, वो भी अभी आई नहीं है.''

उनके साथी डॉ हार्दिक सिंघवी कहते हैं कि ''जो इंसेंटिव का ऐलान किया था वो नहीं मिला, सैलरी भी रुकी है. जैसी उन्होंने घोषणा की थी वो इंसेंटिव मिल जाए तो हम लोगों में भी जोश आ जाएगा. हमारी रिस्क बहुत ज्यादा है. हमारे बैच में 6 लोग पॉजिटिव हो चुके हैं. सुबह से रात हो जाती है काम करते-करते. सरकार ऐलान करती है लेकिन बाद में कुछ होता नहीं.''

डॉक्टर, इंटर्न एक तरफ.. रोज जो इन टीमों को सर्वे, सैंपलिंग के लिए घर-घर लेकर जा रहे हैं उन ड्राइवरों को भी शिकायत है कि तीन महीने से उन्हें भुगतान नहीं हुआ. हमीदिया अस्पताल में ड्यूटी में जुटे गुलाब खान की शिकायत है कि  ''हम जान पर खेलकर लगातार काम कर रहे हैं. सैंपलिंग टीम के साथ नियुक्त किया था, 75 दिन होने वाले हैं, तीन महीने का वेतन नहीं मिला है... स्थिति गंभीर है. रोज कमाने वाले, खाने वाले लोग हैं, उधार लेकर काम चला रहे हैं.''

    
कांग्रेस मुख्यमंत्री को फिर घोषणावीर का तमगा दे रही है. वहीं बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस को आरोप लगाने का हक नहीं. पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि ''ये शिवराज सिंह की सरकार रोज बैठती है, वीडियो बनाती है, इनको 10000 देंगे, उनको 20000 देंगे. स्वास्थ्य कर्मचारी, सबने एक बात कही लगातार... कोविड से लड़ेंगे. इससे ज्यादा दुर्भाग्य क्या होगा कि उनको पैसे नहीं मिले. पिछली बार शिवराज जी ने 21000 घोषणाएं कीं जो अधूरी थीं... फिर घोषणा चालू हो गईं... ये भाषण का शासन चलाते हैं... घोषणावीर मुख्यमंत्री विश्व रिकॉर्ड बनाना चाहते हैं.''
     
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता राहुल कोठारी ने कहा कि ''कांग्रेस पार्टी ने किसानों को ठगा है. दूल्हा दुल्हनों को धरना प्रदर्शन करना पड़ा, क्योंकि उनसे जो वादा किया था वो पूरा नहीं किया. हमारी सरकार ने सारे वादे पूरे करने शुरू किए हैं. कोरोना कर्मियों से जो वादे किए थे पूरा किया जाएगा. प्रक्रिया में थोड़ा वक्त लगता है, लेकिन वादा पूरा होगा.''

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