यह ख़बर 15 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

मप्र को बीमारू राज्य के कलंक से मिली मुक्ति : शिवराज सिंह चौहान

फाइल फोटो

खास बातें

  • मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनसहयोग से नया राज्य गढ़ने में सफलता मिली है, बीमारू राज्य के कलंक से राज्य को मुक्ति मिली है। सभी वर्गों के विकास का क्रम जारी है, यह क्रम आगे भी जारी रहेगा।
भोपाल:

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनसहयोग से नया राज्य गढ़ने में सफलता मिली है, बीमारू राज्य के कलंक से राज्य को मुक्ति मिली है। सभी वर्गों के विकास का क्रम जारी है, यह क्रम आगे भी जारी रहेगा।

आजादी की सालगिरह पर राजधानी भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में ध्वजारोहण करने के बाद मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस का पावन पर्व देश और प्रदेश के विकास व समृद्धि का संदेश लेकर आया है। इस मौके पर संकल्प लें कि शहीदों के बलिदान से मिली आजादी की रक्षा के लिए जरूरत पड़ी तो सर्वस्व न्योछावर कर देंगे।

इस मौके पर चौहान ने बीते 10 वर्षों के भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल का ब्योरा रखते हुए कहा कि इस अवधि में राज्य की तस्वीर बदलने की कोशिश की गई है, मध्य प्रदेश बीमारू राज्यों की श्रेणी से बाहर आ गया है। विकास की नई गाथा लिखी जा रही है।

चौहान ने कहा कि आज मध्य प्रदेश एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा सालाना बजट वाला प्रदेश है। एक दशक पूर्व यह महज 21 हजार 647 करोड़ रुपये था। विकास दर जो ऋणात्मक थी अब 10.02 फीसदी पहुंच गई है। सकल घरेलू उत्पाद भी तीन गुना बढ़ गया है। प्रति व्यक्ति आय भी तीन गुने से ज्यादा हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले दो साल से लगातार देश में सर्वाधिक कृषि विकास दर रही है। किसानों को सहकारी बैंकों से फसल ऋण दिए गए हैं। 70 लाख किसान के पास किसान क्रेडिट-कार्ड हैं। नाबार्ड के सहयोग से कोर-बैंकिंग लागू की जा रही है।

भण्डारण क्षमता को बढाने के लिए अब तक लगभग 1300 प्राथमिक सहकारी संस्थाओं को नि:शुल्क भूमि दी गई है। गेहूं खरीदी पर 150 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने के बाद इस वर्ष मक्के की फसल पर भी बोनस दिया जाएगा। उपार्जन में प्रदेश ने अभूतपूर्व कीर्तिमान कायम किया है।

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना और मुख्यमंत्री निकाह योजना का जिक्र करते हुए चौहान ने कहा कि इन योजनाओं के तहत अब तक लाखों विवाह संपन्न हो चुके हैं। बेटी बचाओ अभियान से समाज के सभी वर्ग जुड़ रहे हैं। लाडली लक्ष्मी योजना में अब तक करीब 15 लाख बेटियों को लाभ दिया गया है।

गर्भवती माताओं और बीमार बच्चों के लिए आपातकालीन परिवहन सेवा में 900 से ज्यादा वाहन और 50 कल सेंटर उपलब्ध हैं। मातृ मृत्यु दर प्रति लाख जन्म 379 से घटकर 277 हो गई है।

चौहान ने कहा कि राज्य में महिलाओं से लेकर पिछड़े व कमजोर-दलित वर्ग के कल्याण की अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके चलते राज्य का परिदृश्य बदल गया है। यह सब सभी का सहयोग मिलने से हुआ है।

राज्य में तमाम वर्गों के लिए चलाए जा रहे कल्याणकारी कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए चौहान ने कहा कि राज्य के लोगों को 24 घंटे घरेलू और किसानों को 10 घंटे बिजली देने का सपना पूरा हुआ है, अल्पसंख्यकों के लिए सरकार योजनाएं चला रही है। भोपाल में हज हाउस बनाया जा रहा है।

इलाज की बुनियादी सुविधा के संबंध में चौहान ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क औषधि वितरण योजना में सभी जिला अस्पतालों में न्यूनतम आवश्यक दवाएं मुफ्त दी जा रही हैं। संस्थागत प्रसव को बढावा देने की नि:शुल्क परिवहन सुविधा से 60 लाख से ज्यादा महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।

शिशु मृत्यु दर वर्ष 2004 में 86 प्रति हजार थी जो कम होकर 59 प्रति हजार हो गई है। संस्थागत प्रसव का प्रतिशत 24 से बढकर 84 प्रतिशत हुआ है। नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाइयों की स्थापना की जा चुकी है। कुपोषण से मुक्ति के लिए अटल बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन संचालित किया गया है।

मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में अभी तक करीब डेढ़ लाख बुजुर्गों ने देश के विभिन्न तीर्थ-स्थान के दर्शन किए हैं। श्रीलंका में सीताजी का मंदिर, सांची के पास बौद्ध विश्वविद्यालय तथा भोपाल में हज हाउस बनाया जा रहा है। पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया गया है। पिछले 10 वर्ष में सरकार द्वारा पुलिस के 30 हजार 151 पद की वृद्घि की गई है। पुलिस प्रशिक्षण का उन्नयन एवं आधुनिकीकरण किया जा रहा है।

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इस मौके पर मुख्यमंत्री ने परेड की सलामी ली। साथ ही सुरक्षा बलों के जवानों को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित भी किया।