तमिलनाडु विधानसभा में हंगामे पर कमल हासन ने कसा तंज - तमीजनाडु में Jai de-mockcrazy!

तमिलनाडु विधानसभा में हंगामे पर कमल हासन ने कसा तंज - तमीजनाडु में Jai de-mockcrazy!

अभिनेता कमल हासन ने तमिलनाडु विधानसभा में हुए हंगामे पर तीखे तंज किए...

खास बातें

  • तमिलनाडु विधासनभा में 5 घंटे तक चले विश्वासमत के दौराना हंगामा
  • मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने 122 वोटों के साथ बहुमत जीता
  • सदन के अंदर विधायकों के हंगामे को लेकर लोग नाखुश हैं
नई दिल्ली:

तमिलनाडु विधासनभा में 5 घंटे तक चले भारी हंगामे के बीच मुख्यमंत्री इडाप्पडी के. पलानीस्वामी ने 122 वोटों के साथ विश्वासमत तो जीत लिया लेकिन सदन के अंदर जो कुछ हुआ, उसे लेकर लोग नाखुश हैं. गुप्त मतदान की मांग को लेकर विधानसभा के अंदर मेज, कुर्सियां और माइक तोड़ दिए गए. स्पीकर पी. धनपाल के हाथापाई हुई. सोशल मीडिया पर इस मामले में लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. अभिनेता कमल हासन ने भी इस मसले पर तीखे तंज किए. उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक के बाद कई ट्वीट किए जिसमें उन्होंने विधायकों को निशाने पर लिया. इसकी शुरुआत भी उन्होंने की.

पहले ट्वीट में एक्टर ने विधायकों के व्यवहार को निशाना बनाते हुए तल्ख अंदाज में लिखा, "तमीजनाडु के लोग, आपके सम्माननीय विधायक जब इलाके में लौटें तो उनका वैसा ही स्वागत करना, जिसके वो हकदार हैं."


दूसरे ट्वीट में उन्होंने अपना गुस्सा निकाला और लिखा, "लगता है हमें नया सीएम मिल गया है. जय de-mockcrazy"
 
तीसरे ट्वीट में उन्होंने कुछ इस तरह प्रतिक्रिया दी "मैंने उस वक्त के एडीएमके के विधायकों को माइक्रोफोन उखाड़कर ले जाते हुए देखा है. अंग्रेजी टीवी एंकर इतने छोटे थे कि उन्हें ये सब याद भी नहीं होगा. हमें याद है."
 
चौथे ट्वीट उन्होंने मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा, 'मीडिया को इसे इतना बढ़ा चढ़ाकर नहीं बताना चाहिए. हम तमिलनाडु विधानसभा में इससे भी खराब चीजें देख चुके हैं. पता नहीं क्यों टीवी के सामने बैठकर क्रांति करने वाले आलसी (मैं भी उनमें शामिल हूं) इतने हैरान हैं?'
 
तमिलनाडु सदन में डीएमके विधायक स्पीकर की कुर्सी पर बैठ गए
स्पीकर ने डीएमके विधायकों को बाहर निकालने का आदेश दिया तो सदन को दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. स्पीकर ने कहा 'मैं कैसे बताऊं आज विधानसभा में मेरे साथ क्या हुआ. मेरी शर्ट फाड़ी गई और मुझे अपमानित किया गया. मैं तो अपना काम कर रहा था.' स्पीकर के आदेश के बावजूद डीएमके के विधायकों ने जाने से इनकार कर दिया. सदन के बाहर 2 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया. एमके स्टालिन के नेतृत्व में डीएमके के विधायक धरने पर बैठ गए लेकिन बाद में उन्हें बाहर ले जाया गया. स्टालिन ने कहा कि उनके साथ भी मारपीट हुई थी.

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