CAA पर बोले मुख्तार अब्बास नकवी, विपक्ष 'झूठमेव जयते' के सिद्धांत पर चल रहा, सतर्क रहने की जरूरत

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कहा कि मुस्लिमों को विपक्ष के बहकावे में नहीं आना चाहिए.

CAA पर बोले मुख्तार अब्बास नकवी, विपक्ष 'झूठमेव जयते' के सिद्धांत पर चल रहा, सतर्क रहने की जरूरत

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली :

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कहा कि मुस्लिमों को विपक्ष के बहकावे में नहीं आना चाहिए, क्योंकि वह 'झूठमेव जयते' के सिद्धांत के साथ अमन को अफवाहों से अगवा करने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने हिंदुस्तान को अल्पसंख्यकों के लिए जन्नत और पाकिस्तान को जहन्नुम बताया. नकवी ने कहा, "नागरिकता संशोधन कानून मुस्लिम विरोधी नहीं है, यह नागरिकता लेने नहीं, बल्कि देने के लिए है. सीएए या फिर एनआरसी से किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता पर कोई सवाल नहीं खड़ा होता."

उन्होंने कहा कि सीएए या एनआरसी से देश के किसी अल्पसंख्यक को डरने की जरूरत नहीं है, खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पहले ही यह बात साफ कर चुके हैं. यह जिक्र करने पर कि राहुल गांधी ने ट्वीट कर सीएए और एनआरसी को पोलराइजेशन (ध्रुवीकरण) का हथियार बताया है, नकवी ने कहा, "पोलराइजेशन कौन कर रहा है, सबको पता है. मोदीजी के आने के बाद सिर्फ जनता के विकास का पोलराइजेशन हुआ है."

उधर, अल्पसंख्यक दिवस पर बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में भी केंद्रीय मंत्री नकवी ने नागरिकता संशोधन कानून पर बोला. उन्होंने कहा, "झूठ के झांसे से सच के सांचे पर हमला करने की कोशिश हो रही है." राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में नकवी ने कहा कि झूठ के पैर नहीं होते, वह औधे मुंह गिरता है. उन्होंने कहा, "जनतंत्र से परास्त लोग गुंडातंत्र के जरिए देश के सौहार्द और विश्वास के माहौल को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रहे हैं। हमें जनतंत्र और सौहार्द की ताकत से इसे परास्त करना होगा."

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मंत्री ने कहा, "हमें दुष्प्रचार के दानवों से होशियार रहना चाहिए. सिटीजनशिप एक्ट, नागरिकता देने के लिए है, छीनने के लिए नहीं. एनआरसी और नागरिकता बिल को जोड़कर देश को गुमहार करने की कोशिश की जा रही है." उन्होंने कहा कि 1951 में असम में शुरू एनआरसी प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है, लिस्ट में जिनका नाम नहीं आया है, वो ट्रिब्यूनल और उसके बाद अदालतों में अपील कर सकते हैं. 

नकवी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून अमानवीय अपमान को मानवीय सम्मान दिलाने की भावना से भरपूर है. इसे भारतीय नागरिकों की नागरिकता के साथ जोड़ना छल है. उन्होंने कहा कि देश के बंटवारे के बाद हिंदुस्तान के बहुसंख्यकों ने पंथनिरपेक्षता का रास्ता चुना, वहीं पाकिस्तान ने इस्लामी राष्ट्र का रास्ता चुना. हिंदुस्तान के बहुसंख्यकों के डीएनए में धर्मनिरपेक्षता और सहिष्णुता है. यही भारत की अनेकता में एकता की ताकत है. 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)