मुलायम का बड़ा दांव, आजम को बना सकते हैं मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार!

मुलायम का बड़ा दांव, आजम को बना सकते हैं मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार!

यूपी चुनावों के मद्देनजर सभी दल मुस्लिम समुदाय को रिझाने में जुट गए हैं.

खास बातें

  • सपा में मचा है घमासान
  • पार्टी अखिलेश गुट और मुलायम खेमे में विभाजित
  • मुलायम बना रहे यूपी चुनाव की रणनीति
लखनऊ:

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही सभी दल मुस्लिम समुदाय को रिझाने में जुट गए हैं. इस संबंध में मुलायम सिंह यादव जल्द ही बड़ा ऐलान कर सकते हैं. सपा में मुलायम खेमे के सूत्रों की मानें तो मुलायम ने अखिलेश को करारा जवाब देते हुए उनके ही करीबी और उप्र सरकार के कैबिनेट मंत्री आजम खान को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने का मन बना लिया है. जल्द ही इसकी घोषणा की जा सकती है.

सपा और शिवपाल यादव के एक करीबी नेता ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया कि विधानसभा चुनाव में मुसलमानों को अपने पाले में करने के लिए मुलायम सिंह यादव मुस्लिम चेहरे आजम खान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने पर विचार कर रहे हैं. अमर सिंह व शिवपाल यादव ने भी उनके नाम पर अपनी सहमति दे दी है. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द ही इसका ऐलान हो सकता है.

सूत्र यह भी बताते हैं कि हालांकि अमर सिंह के रहते हुए आजम के लिए मुलायम खेमे में जाना मुश्किल है, लेकिन मुलायम ने खुद आजम से बात करने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि वह आजम को खुद ही मनाएंगे. सपा के वरिष्ठ नेता ने बताया कि इस सिलसिले में जल्द ही आजम और मुलायम की मुलाकात हो सकती है और उन्हें सीएम का चेहरा घोषित किया जा सकता है.

आजम खान कई बार कह चुके हैं कि मुलायम सिंह ही सच्चे मायने में मुसलमानों के रहनुमा हैं और उप्र में सांप्रदायिक ताकतों को वही सत्ता से दूर रख सकते हैं. आजम खान, मुलायम और अखिलेश के बीच सुलह कराने के लिए मध्यस्थ भी बने, लेकिन उनकी कोशिशों का कोई नतीजा नहीं निकला.फिलहाल अब सबकी निगाहें निर्वाचन आयोग के समाजवादी पार्टी से जुड़े फैसले पर है. आयोग के फैसले के बाद ही इस बारे में औपचारिक ऐलान हो सकता है.

आजम खान समाजवादी पार्टी में एक बड़ा मुस्लिम चेहरा हैं. यही वजह है कि मुलायम खेमा उन्हें अपना मुख्यमंत्री चेहरा बनाकर 19 फीसदी मुस्लिम वोट अपने पाले में करने की फिराक में है. पार्टी से जुड़े कई अल्पसंख्यक संगठन भी मुस्लिम मुख्यमंत्री चेहरा उतारने की मांग कर चुके हैं. ऐसा होने पर निश्चित रूप से मुस्लिम वोट में बिखराव होगा और इसका नुकसान अखिलेश को उठाना पड़ सकता है.

विधानसभा चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने के लिये मायावती ने 97 मुसलमानों को टिकट दे दिया है. अब मायावती के इस दांव को काटने के लिए और अखिलेश को सबक सिखाने के इरादे से मुलायम यह दांव आजमा सकते हैं.

 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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