तमिलनाडु : ऊंची जाति की दोस्त से बात करने पर दलित इंजीनियर की हत्या?

तमिलनाडु : ऊंची जाति की दोस्त से बात करने पर दलित इंजीनियर की हत्या?

फाइल फोटो

तमिलनाडु:


तमिलनाडु के नमक्कल में गुरुवार शाम दलित समुदाय के एक इंजीनियर का शव संदेहास्पद स्थिति में रेलवे ट्रैक से बरामद किया गया है।

21 साल के गोकुलराज के घरवालों का आरोप है कि उसकी हत्या स्थानीय नेता युवराज ने की है। गोकुल के घरवालों का आरोप है कि युवराज ने गोकुल का गुरुवार सुबह उस वक्त़ अपहरण कर लिया था, जब वो ऊंची जाति की एक लड़की के साथ बातचीत कर रहा था।

पुलिस आरोपी युवराज की तलाश कर रही है जो ‘धीरन चिन्नामलाई पेरावई’ नाम के एक छोटे से गुट का नेता है। ये गुट कोन्गु वेल्लार कम्यूनिटी की मान्यताओं का प्रचार करता है।

सुसाइड नोट
पुलिस को गोकुल की जेब से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें एक असफल प्रेम संबंध का ज़िक्र किया गया है। पुलिस ने गोकुल के अपहरण और उसकी संदेहास्पद मौत का केस दर्ज किया है। आगे की कार्रवाई करने से पहले पुलिस सुसाइड नोट की प्रामाणकिता और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है। साल 2013 में इलावरासन नाम के एक और दलित युवक का शव धर्मापुरी ज़िले के रेलवे ट्रैक पर पाया गया था, जब ऊंची जाति के परिवार से आई उसकी पत्नी ने उसके पास लौटने से इनकार कर दिया था।

ऊंची जाति-बनाम नीची जाती
इलावरासन की पत्नी वानियार समुदाय से थीं, जो तमिलनाडु में ऊंची जाति मानी जाती है। इलावरासन से शादी के बाद उसकी पत्नी के पिता ने आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद उस इलाके में दलित और ऊंची जातियों के बीच हिंसक संघर्ष शुरू हो गया था। उस दौरान करीब 250 दलितों के घर जला दिए गए थे और इलाके में कई दिनों तक तनाव का माहौल था। इस सबके बाद इलावरासन की पत्नी ने दोनों समुदायों के बीच उपजे हिंसक विवाद और अपने पिता की याद का हवाला देते हुए कहा था कि वो उसके पास वापस नहीं लौट सकती है। इसके कुछ ही दिनों के बाद इलावरासन का शव रेलवे ट्रैक पर पाया गया, जिसे पुलिस ने मर्डर का केस मानने से इनकार करते हुए आत्महत्या का मामला माना।

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पेरुमल मुरुगन
हाल ही में नमक्कल ज़िले में ही कोन्गु वेल्लार समुदाय के लोग ये कहते हुए तमिल लेखक पेरुमल मुरुगन के पीछे पड़ गए कि उनकी किताब ‘माधोरुबगान’ में महिलाओं और धार्मिक उत्सव का मज़ाक उड़ाया गया है। काफ़ी परेशान किए जाने के बाद पेरुमल मुरुगन ने बाज़ार से न सिर्फ़ अपनी सभी किताबें और कृतियां हटवा लीं थी, बल्कि नमक्कल से चेन्नई भी शिफ्ट़ हो गए थे।