यह ख़बर 07 सितंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

हिंसा की आग में जला मुजफ्फरनगर, दो पत्रकारों सहित 10 की हत्या, सेना तैनात

खास बातें

  • मुजफ्फरनगर जिले में दो समुदायों के बीच हुए संघर्ष में दो पत्रकारों सहित नौ लोगों की हत्या कर दी गई और कई जगह पथराव और आगजनी की घटनाओं में 35 लोग घायल हो गए। हालात के मद्देनजर जिले के तीन थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है। सेना को तैनात किया गया है।
मुजफ्फरनगर:

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में दो समुदायों के बीच हुए संघर्ष में दो पत्रकारों सहित नौ लोगों की हत्या कर दी गई और कई जगह पथराव और आगजनी की घटनाओं में 35 लोग घायल हो गए। हालात के मद्देनजर जिले के तीन थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। खराब हालात के मद्देनजर सेना को तैनात कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस वारदात को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की और इस फसाद के दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। इसके अलावा उन्होंने वारदात में मृत एक पत्रकार के परिजन को 10 लाख, अन्य मृतकों के परिवार के लोगों को पांच-पांच लाख रुपये, गम्भीर रूप से घायल लोगों को 50-50 हजार तथा मामूली रूप से जख्मी लोगों को 20-20 हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है।

पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) तथा पुलिस महानिरीक्षक (मेरठ जोन) को मुजफ्फरनगर में मौजूद रहकर स्थिति पर नजर रखने के आदेश दिए गए हैं।

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिले के कवाल क्षेत्र में महापंचायत के बाद दो गुटों के बीच हुए संघर्ष तथा उसके बाद कुछ हिस्सों में भड़की हिंसा में एक समाचार चैनल के संवाददाता राजेश वर्मा और एक फोटोग्राफर इसरार समेत छह लोगों की मृत्यु हो गई तथा 35 अन्य घायल हो गए। उन्होंने बताया कि हिंसा उस समय भड़की जब गत 27 अगस्त को कावल में दो मोटरसाइकिलों की टक्कर के बाद हुई हिंसा में तीन लोगों की मौत की घटना के सिलसिले में दर्ज मामलों को वापस लेने की मांग पर बल देने के लिए नगलाबढोद गांव में निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए एक महापंचायत हो रही थी।