यह ख़बर 02 सितंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

जापान में मोदी ने अपने 'धर्मनिरपेक्ष मित्रों' पर ली चुटकी

टोक्यो:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के सम्राट अकीहितो को अपनी तरफ से पवित्र हिंदू धर्म-ग्रंथ 'भगवद्गीता' की एक प्रति तोहफे के तौर पर देने को लेकर आज अपने 'धर्मनिरपेक्ष मित्रों' पर चुटकी ली और कहा कि हो सकता है कि इससे हंगामा खड़ा हो जाए और और टीवी पर बहस होने लगें।

द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए अपनी पांच दिवसीय जापान यात्रा के चौथे दिन स्थानीय इंपीरियल पैलेस में मोदी ने सम्राट अकीहितो से मुलाकात की।

यहां एक समारोह में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए मोदी ने अपनी जापान यात्रा में गीता की एक प्रति लेकर आने की बात कही ताकि उसे सम्राट को तोहफे के तौर पर दिया जा सके।

प्रधानमंत्री ने कहा, 'तोहफे में देने के लिए मैं गीता की एक प्रति अपने साथ लाया। मैं नहीं जानता कि इसके बाद भारत में क्या होगा। इस पर टीवी बहसें भी हो सकती हैं।'

मोदी ने कहा, 'हमारे धर्मनिरपेक्ष मित्र इस पर एक तूफान खड़ा कर देंगे कि मोदी अपने आप को समझते क्या हैं? वह अपने साथ गीता ले गए, जिसका मतलब यह है कि उन्होंने इसे भी सांप्रदायिक बना दिया।'

मोदी को सुन रहे लोगों ने जब उनके इस बयान पर तालियां बजाईं तो उन्होंने आगे कहा, 'कोई बात नहीं, उनकी भी रोजी-रोटी चलनी चाहिए और अगर वहां मैं नहीं रहूंगा तो वे अपनी आजीविका कैसे चलाएंगे?'

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प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें हैरत होती है कि आजकल छोटी-छोटी चीजें विवाद पैदा कर देती हैं। उन्होंने कहा, 'मैं नहीं समझता कि क्यों, पर लोग आजकल ऐसी तुच्छ चीजों पर भी विवाद पैदा कर देते हैं। पर मेरा अपना समर्पण और संकल्प है कि अगर मैं दुनिया के किसी महान व्यक्ति से मिलूं तो उसे गीता भेंट करूं और इस वजह से मैं इसे यहां लेकर आया।'