यह ख़बर 27 अप्रैल, 2011 को प्रकाशित हुई थी

सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक पर एनएसी में होगी चर्चा

खास बातें

  • सूत्रों के अनुसार इसके अलावा बैठक में भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास से संबंधित कार्यसमूह अपना परामर्श पत्र प्रस्तुत कर सकता है।
New Delhi:

संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद (एनएसी) की बृहस्पतिवार को होने वाली बैठक में प्रस्तावित साम्प्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक के मसौदे को लेकर चर्चा हो सकती है। सूत्रों के अनुसार इसके अलावा बैठक में भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास से संबंधित कार्यसमूह अपना परामर्श पत्र प्रस्तुत कर सकता है। साथ ही बाल विकास से संबंधित आईसीडीएस, गैर अधिसूचित आदिवासियों, शहरी गरीबी आदि से संबंधित कार्यसमूहों के एजेंडों पर आगे विचार विमर्श होने की संभावना है। इससे पहले एनएसी ने खाद्य सुरक्षा विधेयक के मसौदे पर और आरटीआई अर्जी में केंद्र सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा प्रस्तावित संशोधनों पर काम किया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग और एनएसी में आरटीआई अर्जी को एक विषय तक सीमित रखने के मुद्दे को छोड़कर आरटीआई से जुड़े सभी मुद्दों पर सरकार के साथ सहमति बन चुकी है और परिषद ने गत माह अपनी सिफारिशें सरकार को भेज दी हैं। प्रस्तावित साम्प्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक पर परिषद् की कार्यसमूह की संयोजक फरहा नकवी ने पिछली बैठक में बताया था कि विधेयक का मसौदा तैयार करने का कार्य प्रगति पर है और आगामी बैठक में इसे रखे जाने की संभावना भी जताई गई थी। इसके अतिरिक्त एनएसी के सदस्य खाद्य सुरक्षा विधेयक संबंधी सिफारिशों को प्रभावी तौर पर लागू करने के लिहाज से गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले लोगों के सर्वेक्षण की पद्धति के लिए अपने विचार रख सकते हैं। इससे पहले गत 26 फरवरी की बैठक में पारदर्शिता और जवाबदेही से संबंधित कार्यसमूह ने लोकपाल विधेयक पर भी काम करने की बात कही थी लेकिन लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए समाज और सरकार के प्रतिनिधियों की दस सदस्यीय संयुक्त समिति बन जाने के बाद परिषद ने इससे हाथ हटा लिया है। एनएसी ने कहा है कि वह अब लोकपाल विधेयक पर काम नहीं करेगी, क्योंकि इसके लिए सरकार और समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली संयुक्त समिति का गठन हो चुका है।


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