ये हैं 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के मुख्य आरोपी, जिनके भाग्य का फैसला होगा आज

सीबीआई की विशेष अदालत चर्चित 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से जुड़े तीन मामलों में कल यानी 21 दिसंबर को अपना फैसला सुनाएगी.

ये हैं 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के मुख्य आरोपी, जिनके भाग्य का फैसला होगा आज

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली:

सीबीआई की विशेष अदालत चर्चित 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से जुड़े तीन मामलों में कल यानी 21 दिसंबर को अपना फैसला सुनाएगी. इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और डीएमके की नेता कनिमोझी सहित कई हाई प्रोफाइल उद्योगपतियों भी आरोपी हैं. दरअसल कोर्ट ने तीन मामलों की सुनवाई की है, जिसमें दो सीबीआई और एक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का है. 

इस घोटाले में जिन लोगों पर सीबीआई ने मुख्य आरोप लगाए हैं, उनमें निम्नलिखित लोग शामिल हैं.

ए राजा : पूर्व केंद्रीय दूर संचार मंत्री और द्रमुक नेता पर आरोप है कि इन्होंने नियम कायदों को दरकिनार कर 2 जी स्पेक्ट्रम की नीलामी षडयंत्र पूर्वक की. सीबीआई के अनुसार, इन्होंने 2008 में साल 2001 में तय की गई दरों पर स्पेक्ट्रम बेच दिया. इसके आलावा राजा पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अपनी पसंदीदा कंपनियों को पैसे लेकर गलत ढंग से स्पेक्ट्रम आवंटित कर दिया.

कनिमोई : द्रमुक सुप्रीमो एम करुणानिधि की यह बेटी राज्यसभा सदस्य हैं और इन पर राजा के साथ मिलकर काम करने का आरोप है. इन पर आरोप है कि इन्होंने अपने टीवी चैनल के लिए 200 करोड़ रुपयों की रिश्वत डीबी रियलटी के मालिक शाहिद बलवा से ली बदले में उनकी कंपनियों को ए राजा ने गलत ढंग से स्पेक्ट्रम दिलाया.

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सिद्धार्थ बेहुरा : जब राजा केंद्रीय दूरसंचार मंत्री थे, तब सिद्धार्थ बेहुरा दूरसंचार सचिव थे. सीबीआई का आरोप है कि इन्होंने ए राजा के साथ मिलकर इस घोटाले में काम किया और उनकी मदद की. 

आर के चंदोलिया : ए राजा के पूर्व निजी सचिव पर आरोप है कि इन्होंने ए राजा के साथ मिलकर कुछ ऐसी निजी कंपनियों को लाभ दिलाने के लिए षडयंत्र किया जो इस लायक नहीं थीं. 

शाहिद बलवा : स्वॉन टेलिकॉम के महाप्रबंधक बलवा ए राजा के कामों से लाभ उठाने वालों में प्रमुख हैं. सीबीआई का आरोप है कि बलवा की कंपनियों को जायज से कहीं कम दामों पर स्पेक्ट्रम आवंटित हुए. 

संजय चंद्रा : यूनिटेक के प्रमोटर की कंपनी भी इस घोटाले में सीबीआई के अनुसार सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक है. स्पेक्ट्रम लेने के बाद उनकी कंपनी ने स्पेक्ट्रम को विदेशी कंपनियों को ऊंचे दामों पर बेच दिया और मोटा मुनाफ़ा कमाया. 

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विनोद गोयनका : स्वॉन टेलिकॉम के निदेशक पर सीबीआई ने आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने साझीदार शाहिद बलवा के साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र में भाग लिया.

गौतम दोषी, सुरेन्द्र पिपारा और हरी नायर : अनिल अंबानी समूह की कम्पनियों के यह तीन शीर्ष अधिकारी हैं. इन तीनों पर भी षडयंत्र में शामिल होने का आरोप है. साथ ही सीबीआई का इन पर धोखाधड़ी को बढ़ावा देने का भी आरोप है. 

राजीव अग्रवाल : कुसगांव फ्रूट्स और वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पर आरोप है कि उनकी कंपनी से 200 करोड़ रुपए रिश्वत के लिए करीम मोरानी की कंपनी सिनेयुग को दिए गए जो आख़िरकार करुणानिधि की बेटी कनिमोई तक पहुंच गए. 

आसिफ़ बलवा : शाहिद बलवा के भाई कुशेगांव फ्रूट्स और वेजीटेबल प्राइवेट लिमिटेड में 50 फ़ीसदी के हिस्सेदार और इस जुर्म में भी साझीदार. 

करीम मोरानी : सिनेयुग मीडिया और एंटरटेनमेंट के निदेशक पर आरोप है कि उन्होंने कुशेगांव फ्रूट्स और वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड से 212 करोड़ रुपए लिए और कनिमोई को 214 रुपये रिश्वत के दिए ताकि शहीद बलवा की कंपनियों को गलत ढंग से स्पेक्ट्रम आवंटित कर दिया जाये.

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