यह ख़बर 14 सितंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

आडवाणी के विरोध के बावजूद मोदी बने बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार

खास बातें

  • नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने पर पार्टी का आभार प्रकट करते हुए 'नई सोच, नई उम्मीद' का नारा दिया और कहा कि वह चुनाव में 'यूपीए के भ्रष्टाचार और मंहगाई' के खिलाफ 'भाजपा के सुराज और विकास' के लिए जनता का पूरा समर्थन पाएंगे।
नई दिल्ली:

नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी ने अपने वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के कड़े विरोध के बावजूद शुक्रवार को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया।

पार्टी की नई दिल्ली में हुई संसदीय दल की बैठक के बाद भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने यह घोषणा की। हालांकि तमाम प्रयासों के बाद भी आडवाणी इस बैठक में नहीं आए। मोदी को प्रधानमंत्री पद उम्मीदवार बनाए जाने का सुषमा स्वराज और मुरली मनोहन जोशी भी विरोध कर रहे थे, लेकिन अंतत: वह पार्टी की बहुमत लाइन के आगे झुक गए।

बैठक में अस्वस्थता के चलते पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और नाराज आडवाणी को छोड़कर सुषमा स्वराज, मुरली मनोहर जोशी, अरुण जेटली, नितिन गडकरी, वेंकैया नायडू और अनंत कुमार सहित 12-सदस्यीय संसदीय बोर्ड के अन्य सभी सदस्य मौजूद थे। प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद मोदी ने संवादाताओं से बातचीत में कहा, भाजपा को मैं विश्वास दिलाता हूं कि के लोकसभा चुनाव में पार्टी विजयी हो, इसके लिए मैं कोई परिश्रम और कोई कमी नहीं रखूंगा। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि वह 'सामान्य मानवीय आकांक्षाओं' पर भी खरे उतरेंगे।

भाजपा के प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में मोदी के नाम की घोषणा पार्टी में बहुत ही खटास भरे माहौल में हुई। एक ओर मोदी के नाम की घोषणा हुई, तो दूसरी ओर आडवाणी का राजनाथ सिंह के नाम लिखा पत्र सामने आया, जिसमें वरिष्ठ नेता ने इस फैसले के संदर्भ में पार्टी के तौर-तरीकों पर अपनी पीड़ा का इजहार किया।

मंगलवार को 63 साल के होने जा रहे मोदी अपनी ताजपोशी के बाद आडवाणी से मिलने उनके निवास पर गए। मोदी आडवाणी के निवास पर आधा घंटा रहे। इस दौरान आडवाणी ने मोदी के खिलाफ निलंबित आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा द्वारा लिखे गए पत्र के बारे में पूछा।

आडवाणी ने मोदी का नाम लिए बिना भाजपा अध्यक्ष को लिखे पत्र में इस महत्वपूर्ण बैठक में नहीं आने के संबंध में कहा, दोपहर में मैंने आपसे कहा था कि मैं विचार करूंगा कि मुझे अपनी बात संसदीय बोर्ड के सदस्यों के सामने रखनी है या नहीं। अब मैंने फैसला किया है कि यह बेहतर होगा कि मैं आज की बैठक में हिस्सा नहीं लूं।

मोदी ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने पर पार्टी का आभार प्रकट करते हुए 'नई सोच, नई उम्मीद' का नारा दिया और कहा कि वह चुनाव में 'यूपीए के भ्रष्टाचार और मंहगाई' के खिलाफ 'भाजपा के सुराज और विकास' के लिए जनता का पूरा समर्थन पाएंगे। उन्होंने कहा कि राजग के सहयोगी दलों के नेताओं ने भाजपा का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने पर उन्हें बधाई दी है।

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संवाददाता सम्मेलन में पार्टी कार्यकर्ताओं की ओर से बजाए गए शंख और घंटों की ध्वनि के बीच मोदी ने कहा, मैं सामान्य मानवीय आकांक्षाओं और कार्यकर्ताओं की उम्मीदों पर खरा उतरूं, इसका प्रयास करूंगा। उन्होंने कहा, मैं देशवासियों से भी आशीर्वाद चाहता हूं कि देश इस समय जिस संकट की घड़ी से गुजर रहा है, उससे निकालने का मुझे सामर्थ्य दे।