नाथूला के रास्ते से मानसरोवर यात्रा में चीन का रोड़ा, सिक्किम से दिल्ली लौटे सौ यात्री

केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा- मामला जल्द सुलझाने की कोशिश कर रही केंद्र सरकार

नाथूला के रास्ते से मानसरोवर यात्रा में चीन का रोड़ा, सिक्किम से दिल्ली लौटे सौ यात्री

प्रतीकात्मक फोटो.

खास बातें

  • डोका ला का एक पुराना बंकर चीनी सैनिकों ने तोड़ डाला
  • भारतीय सेना और चीन की पीएलए के बीच हाथापाई भी हुई
  • चीन का आरोप- भारतीय सैनिक उसके इलाके में दाखिल हुए
नई दिल्ली:

मानसरोवर यात्रा के लिए निकले तीर्थयात्री इंतजार करते रहे, लेकिन चीन ने दरवाजे नहीं खोले. इसको लेकर भारतीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय असमंजस में हैं. यात्रियों के दो जत्थों को वापस भेज दिया गया है. करीब सौ यात्री दिल्ली आ गए हैं.

गृह मंत्रालय के मुताबिक चीन ने वीजा दिया, मगर यात्रियों को अपनी सरहद में दाखिल नहीं होने दिया. केंद्र के पास आई सिक्किम सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक 50-50 यात्रियों के दो जत्थे वापस भेज दिए गए हैं. एक जत्था नाथुला में 20 से 23 जून तक रहा, जबकि दूसरा गंगटोक में रुका रहा. बाकी जो लोग नाथुला से जाने वाले थे उन्हें चीन ने वीजा ही नहीं दिया.

केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने एनडीटीवी इंडिया से कहा "यह सही है कि करीब 100 लोग वापस दिल्ली आ गए हैं. कोशिश की जा रही है कि मामला जल्द सुलझे."

बताया जा रहा है कि इस तनाव के पीछे डोका ला का एक पुराना बंकर है, जिसे चीनी सैनिकों ने तोड़ दिया है. डोका ला भारत, चीन और भूटान का ट्राई जंक्शन है. यहां पर भारतीय सेना और चीन की पीएलए के बीच हाथापाई भी हुई.

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहिर का कहना है कि "मुझे यकीन है कि मामला दोनों सरकारें सुलझा लेंगी." दूसरी तरफ चीन आरोप लगा रहा है कि भारतीय सैनिक उसके इलाके में दाखिल हुए.चीन भारत से दलाई लामा के अरुणाचल के दौरे को लेकर भी खफा है.

इस साल कुल 350 तीर्थयात्रियों ने नाथूला मार्ग के जरिए यात्रा के लिए पंजीकरण कराया था और उन्हें सात जत्थों में यात्रा करनी थी.


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