यह ख़बर 12 फ़रवरी, 2014 को प्रकाशित हुई थी

नक्सली व्यापारियों, कंपनियों से कर रहे हैं सालाना 140 करोड़ रुपये की जबरन वसूली

नई दिल्ली:

सरकार ने मंगलवार को एक अध्ययन के हवाले से बताया कि नक्सली ठेकेदारों, व्यापारियों एवं निगमित घरानों आदि से सालाना 140 करोड़ रुपये की जबरन वसूली कर रहे हैं। इसके अलावा सार्वजनिक तौर पर काम करने वाले उनके संगठनों द्वारा चोरी-छिपे विदेशी धन प्राप्त किए जाने की आशंका है।

गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने विवेक गुप्ता के सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी। उनको कहा कि हालांकि मिलने वाले धन की मात्रा सही तौर पर बता पाना संभव नहीं है, लेकिन दिल्ली के रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) के एक अध्ययन में यह आकलन किया गया है कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) विभिन्न स्रोतों से न्यूनतम 140 करोड़ रुपये वार्षिक तौर पर एकत्र कर रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि इसके अलावा भाकपा (माओवादी) के सार्वजनिक तौर पर काम करने वाले कुछ संगठनों द्वारा चोरी छिपे विदेशों से धन प्राप्त करने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।

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सिंह ने कहा कि भाकपा (माओवादी) के लिए निधियों के मुख्य स्रोत में तेंदु पत्ता ठेकेदारों से जबरन वसूली, ढांगाचगत विकास कार्य करने वाले ठेकेदारों से जबरन धन वसूली, व्यापारियों तथा निगमित घरानों आदि से उगाही का आंशिक योगदान रहता है।