देश में बनी पहली पनडुब्बी कलवेरी का समुद्र में परीक्षण शुरू किया गया

देश में बनी पहली पनडुब्बी कलवेरी का समुद्र में परीक्षण शुरू किया गया

देश में बनी पहली पनडुब्बी कलवेरी

नई दिल्ली:

देश में बनी पहली पनडुब्बी कलवेरी का समुद्र में परीक्षण शुरू हो गया है । 16 साल के बाद आखिरकार भारतीय नौसेना में कोई  परंपरागत डीजल इलेक्ट्रिक पनडुब्बी शामिल होने जा रही है।

इससे 16 साल पहले रूस से सिंधुशस्त्र पनडुब्बी लिया गया था। इसका परीक्षण करीब पांच से छह महीने तक चलेगा और अगर सबकुछ ठीक ठाक रहा तो साल के अंत तक इसे नौसेना में शामिल कर लिया जायेगा। इस पनडुब्बी का निमार्ण फ्रांस के सहयोग मुंबई के मझगांव डॉक में किया जा रहा है।


पनडुब्बी का समुद्र में ट्रायल तो शुरु हो गया है लेकिन...
पानी के अंदर 40 से 50 दिन रहने की क्षमता वाली इस पनडुब्बी का समुद्र में ट्रायल तो शुरु हो गया है लेकिन अब दिक्कत यह है जिस फिनमेकनिका कंपनी से इसके लिये मुख्य हथियार तारपीडो लेना है जिस पर बैन लग चुका है और उसके बगैर इसकी ताकत आधी अधूरी है। यानी यह समुद्र में किसी भी पनडुब्बी को मार गिरा नहीं सकता है। यह वही कंपनी है जिस पर वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में दलाली को लेकर बवाल मचा हुआ है। वैसे इन पनडुब्बी में फ्रांस में बनी एक्सोसेट मिसाइल लगी है जिससे ये जमीन पर और किसी जहाज को मार गिरा सकता है।      

 
गौरतलब है नौसेना के पास गिनती के अब पनडुब्बी बचे हैं। रूस से लीज पर ली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस चक्र को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर पनडुब्बी पुरानी हो चुकी हैं जबकि समंदर में चुनौतियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। 

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