NDRF को संयुक्त राष्ट्र से अंतरराष्ट्रीय आपदा मोचन बल के तौर पर मिलेगी मंजूरी

एनडीआरएफ (NDRF) के महानिदेशक ने कहा कि बल को अंतरराष्ट्रीय आपदा मोचन बल के तौर पर जाना जाएगा. इनसार्ग की समिति ने पिछले साल सितंबर में एनडीआरएफ की टीमों की समीक्षा की थी लेकिन कोविड-19 की वजह से यह प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई.

NDRF को संयुक्त राष्ट्र से अंतरराष्ट्रीय आपदा मोचन बल के तौर पर मिलेगी मंजूरी

NDRF केे डीजी एसएन प्रधान ने कहा, 2021 में मान्यता मिल जाने की उम्मीद (प्रतीकात्मक)

नई दिल्ली:

भारत संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक अभियान में तो बड़ी भूमिका निभा ही रहा है, जल्द ही अंतरराष्ट्रीय आपदा बचाव अभियान का भी वह हिस्सा बन सकता है. एक शीर्ष अधिकारी ने रविवार को कहा कि भारत की शीर्ष आपदा राहत संस्था एनडीआरएफ (NDRF) को जल्द ही वैश्विक मानकों के अनुरूप मान्यता मिलने की उम्मीद है. 

नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) को अंतरराष्ट्रीय आपदा बचाव अभियान के तौर पर अधिकृत करने की प्रक्रिया स्विट्जरलैंड स्थित इनसार्ग ( इंटरनेशनल सर्च ऐंड रेस्क्यू एडवायजरी ग्रुप) पूरी करेगा. इनसार्ग संयुक्त राष्ट्र के तहत 90 से अधिक देशों और संगठनों का नेटवर्क है और जो शहरी खोज एवं बचाव के कार्य करता है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एस. एन. प्रधान ने कहा कि जिस तरह देश में भारतीय मानक ब्यूरो है, उसी प्रकार संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी इनसार्ग दुनियाभर में आपदा मोचन बलों का मानकीकरण करती है. यह वैश्विक मानक है. एनडीआरएफ भी मानकों के अनुरूप हैं और उम्मीद है कि 2021 में उसे मान्यता मिल जाएगी.

चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के पास मौजूद ऐसी मान्यता के महत्व को भी उन्होंने बताया. प्रधान ने कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र किसी आपदा में मदद करने के लिए बुलाता है तो आप अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया बल का हिस्सा बन जाते हैं.
हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि भारत ने पहले (अंतरराष्ट्रीय बचाव अभियान में हिस्सा) नहीं लिया. मगर जब एनडीआरएफ के दल नेपाल या जापान गए तो यह दो देशों का फैसला था लेकिन मानकीकरण के बाद यह संयुक्त राष्ट्र (United Nations) द्वारा मंजूरी प्राप्त कार्य होगा.

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एनडीआरएफ (NDRF) के महानिदेशक ने कहा कि यह भारत के लिए गौरव का विषय होगा कि उसके बल को अंतरराष्ट्रीय आपदा मोचन बल के तौर पर जाना जाएगा. सिंगापुर और ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञों सहित इनसार्ग की समिति ने पिछले साल सितंबर में एनडीआरएफ की टीमों की समीक्षा की थी लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से यह प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई.उम्मीद है कि वर्ष 2021 में आप एनडीआरएफ की दो टीमों को इनसार्ग टीम के तौर पर अधिसूचित देखेंगे. प्राकृतिक और मानवकृत आपदा के दौरान राहत और बचाव के लिए 2006 में एनडीआरएफ का गठन किया गया था. इस समय एनडीआरएफ में 12 बटालियन है. इनमें 15 हजार से अधिक कर्मी पूरे देश में तैनात हैं और चार बटालियनों के गठन की प्रक्रिया जारी है.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)