विजय माल्या की फाइल तस्वीर
नई दिल्ली: अरबों रुपये के लोन डिफॉल्टर विजय माल्या के मामले में बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि माल्या ने अपनी संपत्तियों का सही और पूरा ब्योरा नहीं दिया। बैंकों का कहना है कि लोन की रिकवरी के लिए माल्या और उनके परिवार की संपत्ति का खुलासा होना जरूरी है। साथ ही लोन रिकवरी के लिए माल्या का व्यक्तिगत तौर पर कोर्ट में पेश होकर गारंटी देना भी जरूरी है।
माल्या को कोई विशेषाधिकार नहीं
बैंकों ने कहा कि अगर माल्या अपनी संपत्ति का खुलासा नहीं करेंगे, तो ये भरोसा कैसे होगा कि वो लोन चुका सकते हैं। माल्या को ऐसा कोई विशेषाधिकार नहीं है, जिससे वो विदेशी संपत्ति का ब्योरा न दे। माल्या ईडी के पासपोर्ट निलंबित करने के मामले मे खुद को बचा रहे हैं, क्योंकि वो चाहे तो भारत आ सकते हैं। इसके लिए लंदन में भारतीय दूतावास से इमरजेंसी यात्रा दस्तावेज ले सकते हैं।
माल्या ने ब्योरा देने से किया था इनकार
इससे पहले पिछले हफ्ते माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को बैंकों की याचिका खारिज करनी चाहिए, क्योंकि किसी भी कोर्ट ने बैंकों को कोई आदेश नहीं दिया है। माल्या ने कहा कि बैंकों को उनकी संपत्ति का ब्योरा मांगने का कोई अधिकार नहीं है। माल्या ने हलफनामे में कहा है कि वो विदेशों में अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देंगे, क्योंकि NRI को ऐसा नहीं करना होता है। यहां तक कि इनकम टैक्स में भी ये ब्योरा नहीं दिया जाता।
माल्या ने यह भी कहा था कि उन पर जानबूझकर डिफॉल्टर होने का आरोप गलत है। उनके अनुसार एयरलाइंस को कई व्यावसायिक कारणों से घाटा हुआ, जो उनके नियंत्रण से बाहर था।