यह ख़बर 10 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

नेताजी के लिए भारत रत्न नहीं चाहते उनके रिश्तेदार

फाइल फोटो

कोलकाता:

भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न नेताजी सुभाष चंद्र बोस को दिए जाने की अटकलों के बीच नेताजी के परपोते ने आज दावा किया कि उनके परिवार के ज्यादातर सदस्य इस विचार को स्वीकार नहीं करते हैं।

नेताजी के परपोते चंद्र कुमार बोस ने दावा किया कि परिवार के अधिकतर सदस्य नेताजी को यह सम्मान प्रदान किए जाने के खिलाफ हैं। इसके बजाय उनकी मांग है कि पहले उनके गायब होने की पहेली सुलझायी जाए।

बोस ने कहा, 'नेताजी साल 1945 से ही लापता हैं। जब आप उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करेंगे आपको यह कहना होगा कि उनकी मौत कब हुई लेकिन सबूत कहां हैं? उन्हें सम्मानित करने का सर्वश्रेष्ठ तरीका यह होता कि उन सरकारी फाइलों को सार्वजनिक किया जाता, जिससे उनके गायब होने के पीछे की सच्चाई का खुलासा हो सकता।' उन्होंने कहा कि उन्होंने महान नेता के परिवार के करीब 60 सदस्यों से बात की है, जिसमें कोई भी नेताजी की ओर से सम्मान प्राप्त करने को तैयार नहीं है।

उन्होंने कहा, 'हम सभी का मानना है कि भारत रत्न उनके लिए उचित पुरस्कार नहीं होगा। हम में से कोई भी उनकी तरफ से यह पुरस्कार प्राप्त करने का इच्छुक नहीं है।'

नेताजी के परिवार के सदस्यों और ओपन प्लेटफॉर्म फॉर नेताजी ने हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नेताजी के गायब होने की जांच करने के लिए उच्चतम न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश के निर्देशन में एक विशेष जांच दल गठित करने की मांग की थी।

नेताजी 1941 में अंग्रेजों की नजरबंदी से भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करने के लिए भारत से बच निकले थे। वह 1945 में गायब हो गए थे जो कि भारत का सबसे चर्चित रहस्य बन गया। मुखर्जी आयोग ने उनके गायब होने की जांच की थी और इस विचार को खारिज कर दिया था कि उनकी ताईवान में 18 अगस्त 1945 को हुए एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के एक अन्य प्रपौत्र सौगत बोस ने भी नेताजी को भारत रत्न प्रदान किए जाने का विरोध किया है। उन्होंने मांग की कि नेताजी को दलगत राजनीति से अलग रखा जाए।

उन्होंने कहा, 'जिस किसी में भी इतिहास का बोध होगा वह मुझसे सहमत होगा।' उन्होंने कहा, 'नेताजी को 43 लोगों के बाद भारत रत्न कैसे दिया जा सकता है? उन्हें राजीव गांधी के बाद भारत रत्न कैसे दिया जा सकता है? नेताजी का कद भारत रत्न से बड़ा था।'

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बोस ने कहा, 'पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भारत रत्न के लिए बिल्कुल सही उम्मीदवार हैं, नेताजी नहीं। नेताजी का नाम आगे मत करिये।'