संसद के शीतकालीन सत्र में लाया जाएगा मिलावट रोकने के लिए 'नया और सख़्त बिल'

संसद के शीतकालीन सत्र में लाया जाएगा मिलावट रोकने के लिए 'नया और सख़्त बिल'

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर...

खास बातें

  • उपभोक्ता वस्तुओं में मिलावट से सख़्ती से निपटा जाएगा.
  • नए प्रस्तावित बिल में सख्त प्रावधान शामिल करने का फैसला- पासवान
  • इस मुहिम में सरकार को विपक्ष का साथ भी मिलता दिख रहा है.
नई दिल्‍ली:

त्योहारों के मौसम में खाने-पीने के सामान और ख़ासतौर पर मिठाइयों में मिलावट की शिकायत अब आम हो गई हैं. नकली मिठाइयों और मिलावटी सामान पर छापे भी ख़ूब पड़ते हैं. अब सरकार ने मिलावट रोकने के लिए नया और सख़्त बिल अगले महीने शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में लाने का फ़ैसला किया है.

नए उपभोक्ता संरक्षण बिल में खाने-पीने के सामान के साथ-साथ दवाओं और दूसरी उपभोक्ता वस्तुओं में मिलावट से सख़्ती से निपटा जाएगा. खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने एनडीटीवी से कहा, "जो भी जानलेवा मिलावट से जुड़ा मामला है...चाहे खाद्य सामग्रियों या दवाईयों से जुड़ा हो, उसके खिलाफ नए प्रस्तावित बिल में सख्त प्रावधान शामिल करने का फैसला लिया गया है".

इस मुहिम में सरकार को विपक्ष का साथ भी मिलता दिख रहा है. पूर्व खाद्य मंत्री केवी थॉमस मानते हैं कि मिलावट करने वालों के खिलाफ कानूनी प्रावधान और सख्त होने चाहिए. साथ ही, सरकार को ये भी सुनिश्चित करना होगा कि इसकी आड़ में अधिकारी दुकानदारों और ट्रेडरों के परेशान ना करें. थामस ने एनडीटीवी से कहा, "क़ानून को सख़्त बनाने के साथ-साथ उपभोक्ताओं को ये बताना भी ज़रूरी होगा कि मिलावटी सामान की पहचान वो ख़ुद कैसे करें. इस पहल में शैक्षणिक संस्थाओं में सक्रिय उपभोक्ता क्लबों को भी शामिल करना होगा...".

संसद की स्थायी समिति ने इस बिल के तहत मिलावटखोरों को दो से पांच साल की सख़्त सज़ा और दस लाख से 50 लाख रुपये तक के जुर्माने की सिफ़ारिश की थी. इसके अलावा दूसरी बार पकड़े जाने पर लाइसेंस भी रद्द करने की सिफ़ारिश की थी. अब खाद्य मंत्रालय नए बिल में इन सख़्त प्रावधानों को शामिल करने के पक्ष में है.


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