यह ख़बर 26 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

अनशन तोड़ने पर बनते-बनते रह गई बात

खास बातें

  • सरकार चाहती है कि अन्ना हजारे संसद में जनलोकपाल बिल पर चर्चा शुरू होते ही अनशन तोड़ने का लिखित आश्वासन दें।
New Delhi:

अन्ना हजारे और सरकार के बीच बात बनते−बनते रह गई है और इसमें नया पेंच फंस गया है। सरकार चाहती है कि अन्ना हजारे संसद में जनलोकपाल बिल पर चर्चा शुरू होते ही अनशन तोड़ने का लिखित आश्वासन दें। दूसरी तरफ, टीम अन्ना का कहना है कि इस मुद्दे पर जब तक संसद से प्रस्ताव पारित नहीं होता, वह अनशन नहीं तोड़ेंगे। वहीं किरण बेदी ने कहा कि जब तक मांगें पूरी नहीं होती, तब तक अनशन नहीं टूटेगा। उधर, अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें उन्होंने लिखा है कि मेरी अंतरात्मा ये कहती है कि अगर संसद में तीनों प्रस्ताव पर रिजोल्यूशन पास हो जाता है, तो मैं अनशन तोड़ दूंगा, लेकिन जनलोकपाल पास होने तक रामलीला मैदान में धरना चलता रहेगा।


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